MP News: एमपी में टीचर्स को 31 दिन की गर्मी की छुट्टी में भी करना होगा काम, नहीं मिलेगा अर्जित अवकाश

1 मई से शुरू होंगी शिक्षकों की छुट्टियां तभी से स्कूल शिक्षा विभाग शुरू करेगा समर कैंप

 

भोपाल। प्रदेश के करीब चार लाख शिक्षकों को 31 दिन की गर्मियों की छुट्टियों में भी काम करना होगा। स्कूल शिक्षा विभाग के जारी आदेश में ग्रीष्मकालीन अवकाश एक मई से शुरू हो रहे हैं। दूसरी तरफ एक मई से सरकारी स्कूलों में समर कैंप शुरू हो जाएंगे। इसके साथ नीट समेत अन्य परीक्षाएं भी आयोजित होंगी, जिसमें शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। इससे शिक्षकों को गर्मियों की छुट्टी में भी काम करना होगा। 


प्रदेश के स्कूलों में तीन दिन बाद एक मई से ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू हो जाएंगे। बच्चों के साथ शिक्षकों की छुट्टियां रहेंगी। बीते कुछ सालों में स्कूल शिक्षा विभाग धीरे-धीरे शिक्षकों के ग्रीष्मकालीन अवकाश में कटौती कर रहा है। 


प्रदेश में शिक्षकों को पूर्व में दो माह यानि 60 दिन का ग्रीष्मकालीन अवकाश मिलता था। बाद में इसे धीरे-धीरे कम करके चालीस दिन का कर दिया गया। एक साल पहले सत्र 2024-25 में शिक्षकों की छुट्टी फिर से घटा दी गई।


 वर्तमान में शिक्षकों को ग्रीष्मकालीन अवकाश 31 दिन का मिल रहा है। इस बार शिक्षकों के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश 1 मई 2025 से 31 मई 2025 तक रहेगा, जबकि विद्यार्थियों के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश 1 मई से 15 जून तक कुल 46 दिन का होगा। लेकिन एमपी में ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी शिक्षकों से काम करवाया जाता है।


 इस दौरान विद्यार्थियों के प्रवेश, मध्यान्ह भोजन, प्रशिक्षण जैसे कई कार्यक्रम चलते हैं। आगामी मई में विभाग शासकीय स्कूलों में समर कैंप भी शुरू हो रहा है। इसके साथ ही नीट समेत अन्य परीक्षाओं में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। इस कारण शिक्षकों को बमुश्किल पांच-सात दिन का ही ग्रीष्मकालीन अवकाश का लाभ मिल पाता है।


 शिक्षकों को ग्रीष्मकालीन अवकाश में मिलने वाली पूरी छुट्टियां कार्य करते हुए निकल जाती हैं। ग्रीष्मकालीन अवकाश के अलावा शिक्षकों को सालभर में कुल 26 छुट्टियां मिलती हैं। ग्रीष्मकालीन अवकाश में काम करवाने का शिक्षक कई सालों से विरोध कर रहे हैं।


शिक्षकों की छुट्टी को लेकर नजरअंदाज करते अफसर
शिक्षकों के अर्जित अवकाश को लेकर विभाग के अधिकारी नजरअंदाज करते रहे। विस चुनाव 2023 की आचार संहिता के पहले लोक शिक्षण ने जारी आदेश में कहा था कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के सभी प्रकरणों के समय-सीमा में निराकरण हेतु एजुकेशन पोर्टल पर आवश्यक मॉड्यूल तैयार किया जाएगा।


समस्त संकुल प्राचार्य मॉड्यूल अनुसार शिक्षकों की जानकारी एवं वांछित अभिलेखों की प्रति पोर्टल पर अपलोड करेंगे। नियत समय-सीमा में जानकारी अपलोड न करने की स्थिति में संबंधित प्राचार्य एवं डीईओ की जबावदेही नियत की जा सकेगी। 


लोक शिक्षण द्वारा जारी स्वीकृति के आधार पर संबंधित शिक्षक को अर्जित अवकाश की पात्रता होगी। विभाग के जारी आदेशों पर अभी तक कोई अमल नहीं हुआ है। विभाग अब तक आनलाइन व्यवस्था भी शुरू नहीं कर सका है। इस कारण गर्मियों की छुट्टी में काम करने वाले शिक्षकों को अर्जित अवकाश का लाभ इस बार भी मिलना मुश्किल है।


गर्मियों की छुट्टी में अर्जित अवकाश की पात्रता
शिक्षकों को गर्मियों की छुट्टियों में काम पर बुलाने पर संबंधित जिले के कलेक्टर एक वर्ष में अधिकतम पंद्रह दिन व विभागाध्यक्ष एक वर्ष में अधिकतम 30 दिन अवकाश स्वीकृत कर सकते हैं। लेकिन शिक्षकों से गर्मियों में छुट्टी में काम करवाने के बाद भी अर्जित अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाता है।


सरकारी कर्मचारियों की भांति मिले अवकाश
प्रदेश के कई शिक्षक संगठन सरकारी कर्मचारियों की भांति अवकाश की मांग रहे हैं। शिक्षक, व्याख्याता एवं प्राचार्य संवर्ग के अध्यक्ष शिववीर सिंह भदौरिया का कहना है कि शिक्षकों के ग्रीष्मकालीन अवकाश समाप्त कर शासकीय कर्मचारियों की भांति अवकाश मिलना चाहिए।


जब स्कूल शिक्षा विभाग का सत्र एक अप्रैल से शुरू हो जाता है और ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी गतिविधियां चलती है, तो गर्मियों की छुट्टी को खत्म कर देना चाहिए, ताकि शिक्षक अपनी सुविधानुसार सालभर शासकीय कर्मचारियों की भांति छुट्टी ले सकें।