MP News: एमपी में जांच एजेंसियों से फिर तेज निकला करोड़ों का खेल करने वाला पूर्व आरक्षक, लुकआउट सर्कुलर के पहले लौटा भारत

वाहन से 52 किलो सोना और 10 करोड़ कैश मिलने का मामला, कोर्ट में लगाया अग्रिम जमानत का आवेदन

 

भोपाल। करोड़ों रुपए का हेर-फेर करने वाला पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा फिर जांच एजेंसियों से तेज निकला। ऐसा बताया जा रहा है कि उसके खिलाफ गृह मंत्रालय से लुकआउट सर्कुलर जारी होने के पहले ही वो भारत लौट आया। इतना ही नहीं, उसने जिला कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन भी लगा दिया है। इस पर आज सुनवाई होगी।

 


इस पूरे मामले में राज्य की जांच एजेंसियों पर सवाल उठ रहे हैं। सौरभ शर्मा पर लोकायुक्त की छापे की कार्रवाई भी पहले लीक होने की बात कही जा रही है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि तभी उसके सहयोगियों को 5२ किलो सोना, दस करोड़ कैश निकालने का मौका मिल गया। सोने से लदी कार दिन भर शहर में घूमती रही और किसी को भनक नहीं लगी। 

 


फिर रात में रातीबड़ पुलिस को जब इसकी सूचना मिली तो उसने कार्रवाई और जब्ती से मना क्यों कर दिया। आयकर विभाग को सूचना क्यों दी जबकि यह रातीबड़ थाना क्षेत्र का मामला था। पुलिस वाहन और सोना जब्त कर सकती थी।


सौरभ शर्मा के ई 7, अरेरा कॉलोनी स्थित घर पर लोकायुक्त ने 19 दिसंबर की सुबह छापा मारा था। यह कार्रवाई जब चल रही थी, उसी दिन एक कार 5२ किलो सोने, दस करोड़ नगद लेकर घूम रही थी। सड़कों पर इस कार के घूमते हुए सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक हो चुके हैं। इससे आशंका बन रही है कि लोकायुक्त की कार्रवाई की भनक पहले ही शर्मा और उसके सहयोगियों को लग गई थी। तभी वो सोना और कैश ठिकाने लगाने की कोशिश में लग गए थे।


एफआईआर लिखने किस पुलिस अफसर ने बनाया दबाव
सोने से भरे वाहन के मामले से जुड़े दो और पहलु संदेह को बढ़ा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक जिस गाड़ी से सोना पकड़ा गया, उसके चोरी होने की शिकायत लेकर एक महिला रातीबड़ थाना पहुंची थी। उसका कहना था कि कोहेफिजा क्षेत्र से वाहन चोरी हुआ है।

पुलिस ने पूछा, फिर यहां क्यों मामला दर्ज करा रही हैं। इस पर महिला बोली थी कि लोकेशन यहीं की मिली है। मामला दर्ज कराने के लिए महिला ने एक वरिष्ठ पुलिस अफसर से फोन भी कराया था। यह अफसर कौन है और इनकी क्या भूमिका है, इसकी भी जांच होना चाहिए।


दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि रातीबड़ स्थित फार्म हाउस में तीन वाहन खड़े थे। इसमें से एक वाहन में सोना भरा था। आईटी ने इसे जब्त कर लिया था। इसका खुलासा अब तक नहीं हुआ है कि बाकी दो वाहन कहां हैं। उनकी तलाशी में कुछ मिला या नहीं।


छह घंटे पहले पुलिस को खबर, फिर भी रेड नहीं
दिन भर शहर में घूमने के बाद रातीबड़ क्षेत्र के एक फार्म हाउस में यह कार खड़ी कर दी गई थी। बताया जा रहा है आयकर विभाग की जब्ती की कार्रवाई के करीब छह घंटे पहले रातीबड़ पुलिस को संदिग्ध वाहन फार्म हाउस में खड़ा होने की खबर मिल गई थीl इसकी तहकीकात के लिए कुछ पुलिसकर्मी फार्म हाउस पहुंचे थे और वाहन को बाहर से देख कर ही लौट गए थे। इसके बाद आयकर विभाग को वाहन की सूचना दी थी। इस पर आईटी ने रात दो बजे सोना, कैश और वाहन जब्त किया।


जांच एजेंसियां पकड़ती तो अग्रिम जमानत का नहीं कर पाता आवेदन
लोकायुक्त ने जिस दिन सौरभ शर्मा के घर छापा मारा था, तब वो मुंबई में था। बताया जा रहा है कार्रवाई की भनक लगते ही सौरभ अपनी पत्नी के साथ दुबई चला गया था। वो पहले भी वहां जा चुका है। बताया जा रहा है उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर की तैयारी चल ही रही थी कि इसके पहले ही वो भारत लौट आया।

अगर नोटिस जारी हो जाता तो सुरक्षा एजेंसियां उसे एयरपोर्ट पर ही धर लेतीं और वो अग्रिम जमानत के लिए आवेदन नहीं कर पाता। पूछताछ भी हो सकती थी। इससे बचने के लिए वो पहले ही देश लौट आया। बता दें कि लोकायुक्त के अलावा, आईटी, ईडी और डीआरआई भी सौरभ शर्मा की कारगुजारियों की जांच कर रही हैं। इसमें खास तौर से मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशों से सोने के बिस्किट मंगाने के एंगल पर फोकस किया जा रहा है।