MP News: मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार के मास्टरमाइंड सौरभ शर्मा पर कसा शिकंजा, अब ईडी ने मारा छापा

भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में दी दबिश, दर्ज किया था मनी लॉन्ड्रिंग का मामला

 

भोपाल। परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार का मास्टर माइंड कहे जा रहे पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा पर शिकंजा और कस गया है। अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार सुबह उसके ठिकानों पर छापेमारी की है। भोपाल के साथ ही जबलपुर और ग्वालियर में एक साथ यह कार्रवाई की है। इस रेड में मुख्य तौर से मनी लॉन्डिं्रग का एंगल है। इसे लेकर ईडी ने हाल में सौरभ और उसके सहयोगियों के खिलाफ धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत मामला दर्ज किया था।


मेंडोरी के जंगल में फार्म हाउस में खड़ी एक कार से 52 किलो सोना और दस करोड़ से अधिक कैश जब्त होने के बाद ईडी के साथ ही डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआई)की इस प्रकरण में एंट्री हुई थी।मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करने के बाद अब ईडी ने सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों के ठिकानों पर छापा मारा है। इसमें उसके खास चेतन सिंह गौर व एक अन्य के ग्वालियर स्थित मकान, दफ्तर और जबलपुरके कुछ स्थान शामिल हैं।


खारिज हो चुकी सौरभ की अग्रिम जमानत
सौरभ शर्मा ने जिला अदालत में अग्रिम जमानत का आवेदन लगाया था। विशेष न्यायाधीश के समक्ष सुनवाई के दौरान उसके वकीलों ने लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई पर ही सवाल उठाए। कहा कि वो जून-23 में ही वीआरएस ले चुका है। ऐसे में उसके खिलाफ लोकायुक्त को कार्रवाई का अधिकार नहीं है। इस पर विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि सौरभ और उसके सहयोगी के ठिकानों से काफी सोना और कैश मिला है। अपराध की गंभीरता और पूछताछ के मद्देनजर उसका आवेदन खारिज किया जाए।


अब चार एजेंसियों के रडार पर
सौरभ शर्मा के ठिकानों पर लोकायुक्त पुलिस ने 19 दिसंबर को छापा मारा था। उसके यहां से कैश व दस्तावेज मिले थे। अगली ही रात मेंडोरी के जंगल में कार से 52 किलो सोना और कैश आयकर विभाग ने जब्त किया। यह गाड़ी सौरभ के खास चेतन सिंह गौर की थी। ऐसे में आईटी ने उससे पूछताछ की थी। 


सौरभ को दुबई से वापस लाने के लिए आईटी के आवेदन पर गृह मंत्रालय लुकआउट सर्कुलर जारी कर चुका है। इस बीच ईडी ने भी सौरभ पर मामला दर्ज किया है। विदेश से सोने के बिस्किट लाने की जांच भी चल रही है। ऐसे में डीआरआई भी प्रकरण में समानांतर पड़ताल कर रहा है। इस तरह सौरभ एक साथ चार जांच एजेंसियों के रडार पर है।


अवैध कमाई को वैध कैसे किया, जांच होगी
मनी लॉन्ड्रिंग का मतलब है कि अवैध तरीकों से कमाए गए धन को कानूनी तौर पर वैध दिखाया जा रहा है। इसके लिए संपत्ति के अवैध स्त्रोत को छिपाया जाता है और निगरानी एजेंसियों से बच कर लेन-देन करते हैं। वित्तीय परिसंपत्तियों को भी छिपाया जाता है। सौरभ शर्मा पर लोकायुक्त के छापे में ही कई प्रॉपर्टी के दस्तावेज और रजिस्ट्रियां मिली थी। 


कुछ विदेशी करंसी भी मिली थी। ऐसे में ईडी की जांच मुख्य तौर से मनी लॉन्ड्रिंग के आसपास ही घूमेगी। यह साबित होने पर काली कमाई से खरीदी संपत्तियों को कुर्क भी किया जा सकता है। इसके अलावा विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के तहत भी कार्रवाई हो सकती है।