MP News: केंद्र से सात फीसदी महंगाई भत्ता में पीछे हुए मध्यप्रदेश के 7.5 लाख सरकारी कर्मचारी, मचा हाहाकार
केंद्र के बराबर महंगाई भत्ता लेने कर्मचारियों ने भोपाल में डेरा डाला, सरकार पर डाल रहे दबाव
भोपाल। प्रदेश भर के कर्मचारी महंगाई भत्ता देने और पदोन्नति शुरू करने समेत अन्य मांगों के निराकरण के लिए गुरुवार को राजधानी के अंबेडकर मैदान में जुटे। राज्य कर्मचारी संघ के बैनर तले किए जा रहे प्रदर्शन में मुख्य मांग सात फीसदी महंगाई भत्ता दिए जाने की है।
राज्य कर्मचारी संघ ने पदोन्नति शुरू करने, पुरानी पेंशन बहाली, महंगाई भत्ता समेत 25 सूत्रीय मांगों के निराकरण के लिए चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया है। पिछले महीने जिला स्तर पर कलेटर के नाम मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया था। अब प्रदेश भर के कर्मचारी सरकार को जगाने राजधानी में एकत्रित हुए हैं।
संघ के महामंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि केंद्र सरकार चार फीसदी के बाद अब तीन फीसदी महंगाई भत्ता दे चुकी है। प्रदेश के कर्मचारी कुल सात फीसदी महंगाई भत्ते में पीछे हो गए हैं। पूर्व में सौंपे गए ज्ञापन पर भी सरकार ने मांगों को लेकर संज्ञान नहीं लिया है। अभी सरकार को जगाने के लिए प्रदर्शन किया है। इसके बाद भी मांगों निराकरण नहीं होता है, तो संघ के पदाधिकारी प्रदेश के मान्यता व गैर मान्यता प्राह्रश्वत कर्मचारी संगठनों के संयुत मोर्चा के साथ बैठक कर हड़ताल करने की रणनीति बनाएंगे।
अंबेडकर मैदान में राज्य कर्मचारी संघ का प्रदर्शन प्रदेश के 7.5 लाख कर्मचारी कई सालों बाद केंद्र से सात फीसदी महंगाई भत्ता पाने में पीछे हो गए हैं। प्रदेश के कर्मचारियों को 46 फीसदी और केंद्र के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 53 फीसदी हो गया है। इससे कर्मचारियों को हर महीने एक हजार से लेकर 9500 रुपए तक का नुकसान होगा। प्रदेश में कई सालों बाद केंद्र और प्रदेश के कर्मचारियों के बीच महंगाई भत्ते को लेकर अब ज्यादा दूरियां बढ़ गई हैं।
जानकारी के मुताबिक केंद्र के कर्मचारियों को अभी तक 50 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। बुधवार को केंद्र ने तीन फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाने के फिर आदेश जारी कर दिए। अब केंद्र के कर्मचारियों को 53 फीसदी महंगाई भत्ता मिलने लगा है, जबकि प्रदेश के कर्मचारियों का बीते मार्च 2024 में चार फीसदी महंगाई भाा बढ़ाया गया था। इसे मिलाकर वर्तमान में 46 फीसदी महंगाई भत्ता मिल रहा है। प्रदेश के कर्मचारी केंद्र से कुल सात फीसदी महंगाई भत्ता में पीछे हो हैं। अब सरकार कर्मचारियों को पूरा सात फीसदी महंगाई भत्ता देगी या सिर्फ चार फीसदी इस पर संशय बरकरार है। चार फीसदी महंगाई भत्ता देने पर सरकार पर हर साल करीब 1440 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार आता है।
स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष एसबी सिंह का कहना है कि महंगाई छह फीसदी से ज्यादा बढ़ चुकी है। एक जुलाई 2024 से मिलने वाला महंगाई भत्ते के आदेश शीघ्र किए जाएं। महंगाई भत्ते के आदेश जारी नहीं होने से हर कर्मचारी को जुलाई 2024 से प्रतिमाह 620 से 5640 रुपए तक का नुकसान हो रहा है। अब केंद्र ने तीन फीसदी महंगाई भत्ता फिर बढ़ा दिया है।
इसकी तुलना में कर्मचारियों को एक हजार से लेकर 9500 रुपए तक का नुकसान होगा। राज्य कर्मचारी संघ के महामंत्री जितेंद्र सिंह, मप्र लिपिक वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष एमपी द्विवेदी, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी, निगम मंडल के अनिल बाजपेयी समेत कई कर्मचारी नेताओं ने मुयमंत्री डॉ. मोहन यादव से केंद्र के समान महंगाई भत्ता देने की मांग की है।