Ladli Bahana Awas: लाड़ली बहनों को आवास देने की प्रक्रिया शुरू करने जा रही डॉ. मोहन सरकार, जुलाई में आ सकती है पहली किस्त 

पक्का आवास बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रूपए की मिलेगी सहायता

 

भोपाल। प्रदेश की लाड़ली बहनों को मोहन सरकार पर और सौगात देने की तैयारी कर रही है। इन बहना का जल्द ही अपना पक्का मकान बनाने के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी। सरकार जल्द ही पात्र बहनों के लिए पहली किस्त जारी कर सकती है।

गौरतलब है कि प्रदेश की चिन्हित लाड़ली बहनों में से ऐसी बहनों को लाड़ली बहना आवास योजना के तहत पक्के मकान दिए जाने की तैयारी की जा रही है, जिनके पास अपने खुद के पक्के मकान नहीं हैं। इस योजना के तहत बहनों को पक्के मकान देने आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। बताया गया है कि सरकार की प्राथमिकताओं में सूबे की महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए लाइली बहना योजना के बाद अब लाड़ली बहना आवास योजना प्रारभ्म की जा रही है। इसमें बहनों को पक्के घर दिए जाएंगे। 


 

1.20 लाख की मिलेगी सहायता 
इसके लिए पात्र बहनों को पक्के घर बनवाने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। बताया गया है कि इस योजना का फायदा उन्हीं पात्र महिलाओं को मिलेगा, जिनके पास रहने के लिए घर नहीं है। इस योजना के लिए वह महिलाएं पात्र हैं, जिनका नाम पीएम आवास योजना में किसी वजह से छूट गया है। जानकारी के अनुसार पात्र बहनों को उक्त राशि किश्तों में उपलब्ध कराई जाएगी, जो सीधे बहनों के खातों में आएगी। इसकी पहली किश्त २५ हजार रुपए की बताई जा रही है, जिसके जुलाई माह के पहले सप्ताह में बहनों के खातों में आने की उम्मीद जताई जा रही है। 


 

यह होगी शर्तें 
बताया गया है कि यह योजना राज्य की उन मध्यम गरीब परिवार की बहनों के लिए है। इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना - से वंचित बहनें पात्र रहेंगी। इसके लिए शर्तें होंगी कि पात्र परिवार या बहनों का नाम आवास प्लस एप पोर्टल पर पंजीकृत होना जरूरी है। साथ ही पात्र परिवार या बहनें वर्ष 2011 की आर्थिक और जातिगत जनगणना में और आवास प्लस सूची में शामिल नहीं रही हों। उनके पास न तो पक्की छत वाला मकान हो और कच्चा मकान दो से ज्यादा कमरे वाला नहीं हो चाहिए। साथ ही उनकी मासिक आय 12000 से ज्यादा ना हो और न ही उनके पास कोई चार या दूसरा कोई चार पहिया वाहन हो। पात्र परिवार या बहनें तभी योजना का लाभ ले पाएंगी, जब उनके परिवार का कोई सदस्य शासकीय सेवा में या आयकर दाता नहीं हो और उनके पास सिंचित भूमि 2.5 एकड़ और असिंचित कृषि भूमि 5 एकड़ से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।