Jabalpur News: पश्चिम मध्य रेलवे महाप्रबंधक शोभना बंदोपाध्याय ने किया राजभाषा पत्रिका के स्वर्ण जयंती अंक का विमोचन

क्षेत्रीय राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक में पमरे अधिकारियों को कमलापति त्रिपाठी राजभाषा स्वर्ण पदक मिलने पर व्यक्त किया गया हर्ष 

 

जबलपुर। क्षेत्रीय राजभाषा कार्यान्वयन समिति, पश्चिम मध्य रेल, जबलपुर की 66वीं बैठक दिनांक 27 सितंबर को समिति अध्यक्ष एवं महाप्रबंधक,  शोभना बंदोपाध्याय की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस अवसर पर त्रैमासिक राजभाषा पत्रिका राजभाषा सरिता के 50वें अंक; राजभाषा स्मारिका का विमोचन शोभना बंदोपाध्याय, महाप्रबंधक के कर-कमलों से किया गया। 


अधिकारियों- कर्मचारियों को मिले पुरस्कार 
अपने अध्यक्षीय संबोधन में  बंदोपाध्याय ने कहा कि पश्चिम मध्य रेलवे के दो वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड के अधिकारियों को राजभाषा हिंदी के प्रयोग-प्रसार में उत्कृष्ट योगदान हेतु कमलापति त्रिपाठी राजभाषा स्वर्ण पदक तथा रेल मंत्री राजभाषा रजत पदक प्राप्त हुए हैं। साथ ही दो कर्मचारियों को मुंशी प्रेमचंद पुरस्कार योजना एवं अखिल रेल हिंदी टिप्पणी व प्रारूप लेखन योजना के अंतर्गत प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। इस पर उन्होंने पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई दी। साथ ही स्वर्ण जयंती अंक में राजभाषा उपलब्धियों एवं महत्वपूर्ण गतिविधियों के प्रकाशन पर उन्होंने राजभाषा विभाग को बधाई दी। 


30 सितम्बर को होगा बड़ा कार्यक्रम
बैठक में उपस्थित मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक मनोज कुमार गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि पश्चिम मध्य रेल पर संघ की राजभाषा नीतियों का समुचित अनुपालन किया जा रहा है। उन्होंने समिति अध्यक्ष को अवगत कराया कि दिनांक 17 सितंबर से 30 सितंबर तक राजभाषा पखवाड़े के दौरान अनेक हिंदी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही दिनांक 30 सितंबर को महाप्रबंधक,  शोभना बंदोपाध्याय की अध्यक्षता में आयोजित राजभाषा पखवाड़ा समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह के अवसर पर एक कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया जा रहा है। 


राजभाषा पर हुई विस्तृत चर्चा
इस बैठक में मुख्यालय के सभी विभाग प्रमुख, उनके प्रतिनिधि अधिकारीगण तथा मंडलों व कारखानों के रेल अधिकारी ऑनलाइन उपस्थित थे। सभी ने विभागों, मंडलों तथा कारखानों में सरकारी कामकाज में हुई राजभाषा प्रगति से अध्यक्ष महाप्रबंधक पमरे को अवगत कराया तथा रचनात्मक सुझाव दिये। बैठक का संचालन संतलाल मर्सकोले, राजभाषा अधिकारी ने किया तथा प्रज्ञेश निंबालकर, उप मुख्य राजभाषा अधिकारी ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।