MP News: प्रदेश के 355 स्कूलों में एक भी बच्चे नहीं, फिर भी टीचर पोस्टेड, अब होगा ट्रांसफर

संचालक लोक शिक्षण ने डीईओ से बुलाई जानकारी, देखिए किस जिले में कितने ऐसे टीचर-

 

भोपाल। प्रदेश के 355 स्कूलों में बच्चे तो एक भी नहीं है लेकिन यहां शिक्षक जरूर पदस्थ है। राजनीतिक रसूख और जमावट के तहत जमे इन शिक्षकों पर अब गाज गिरने वाली है। इन सभी को यहां से हटाकर दूसरी ऐसी शालाओं में पदस्थ किया जाएगा जहां शिक्षकों की शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि एमपी के कमी है। संचालक लोक शिक्षण ने प्रदेश के सभी जिला जिन 38 जिलों के 355 स्कूलों में बच्चे एक भी नहीं है और वहां शिक्षकों की पदस्थापना है और उन्हें हर माह भारी-भरकम वेतन सरकारी खजाने से दिया जा रहा है इस पर अब रोक लगाई जाएगी। 

किस जिले में बिना बच्चों के स्कूलों में कितने शिक्षक पदस्थ
सागर में 42, सतना में 34, सिवनी में 16, शहडोल में दो, सीहोर में चार, शाजापुर में 23, श्योपुर में तीन, शिवपुरी में चौदह, सीधी में दो, उज्जैन में 17, उमरिया में दो, विदिशा में आठ, सीधी में एक, आगर मालवा में दो, अशोकनगर में पांच, बालाघाट में एक, बैतूल में चार, भिंड में दो, भोपाल में छह, छिंदवाड़ा में छह, दमोह में दो, दतिया में तीन, देवास में 11, गुना में तीन, ग्वालियर में 16 हरदा में छह, इंदौर में दो, जबलपुर में तीन, कटनी में दो, खरगौन में छह, मंदसौर में आठ, मुरैना में सोलह, नरसिंहपुर में चार, नीमच में तीन, पन्ना में आठ, रायसेन में 11, राजगढ़ में 14, रतलाम में चार, रीवा में तीन शिक्षक पदस्थ है।

शून्य नामांकन वाली शालाओं में पदस्थ शिक्षकों को जिला शिक्षा अधिकारी बुलाकर उनकी काउंसलिंग करेंगे । जिलेवार होने वाली इस काउंसलिंग में शून्य नामांकन वाली शालाओं के शिक्षकों को प्रदेश के अन्य जिलों में जहां शिक्षकों की कमी है वहां ट्रांसफर किया जाएगा। इसके लिए इन सभी शिक्षकों से विकल्प मांगा जाएगा। न्यूनतम तीन विकल्प शिक्षक को देना होगा।