MP News:  15 हजार मानदेय सहित 19 सूत्रीय मांगों को लेकर सरपंच संघ ने राजधानी भोपाल मेें किया प्रदर्शन  

सुरक्षा में जुटी भोपाल पुलिस, रास्ते में की बेरीकेडिंग

 

भोपाल। सरपंच संघ की मुख्य मांग है कि सरपंचों का मानदेय 15 हजार रुपये तक किया जाए। दरअसल अभी सरपंचों को 4250 रुपये मानदेय मिल रहा है। संघ का कहना है कि ये मानदेय बढ़ती महंगाई के दौर में न के बराबर है। इसलिये इसे बढ़ाया ही जाना चाहिए। इतना ही नहीं सरपंच संघ ने आदिवासी इलाकों की महिला सरपंचों के लिए बाइक खरीदन ेव पेट्रोल के लिए पैसा देने की भी मांग रखी है। 

 

 

 


बता दें कि सरपंचों का मानदेय एक साल पहले ही बढ़ा है। जून 2023 तक सरपंचों को 1750 रुपये मिलते थे, जिसे जुलाई 2023 को तीन गुना तक बढ़ाकर 4250 रुपये कर दिया। सरपंच संघ का कहना है कि इसे बढ़ाकर 15 हजार रुपये प्रतिमाह किया जाना चाहिए। इसके अलावा पेंशन की भी मांग की गई है। संघ का कहना है कि यह आंदोलन सांकेतिक है अगर मांगे नहीं मानी गई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। 

 

 

 

 

 

मध्यप्रदेश सरपंच संघ आज अपनी 19 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री निवास के सामने धरना देने जा रहा है। पुलिस ने सीएम हाउस के रास्ते पर बेरीकेडिंग कर रखी है। धरने के लिए आज सुबह से ही प्रदेशभर के सरपंच राजधानी में जुटना शुरू हो गए थे। आज अंबेडकर पार्क में राष्ट्रीय सरपंच संघ मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह तोमर के नेतृत्व में अपनी विभिन्न मांगों के निराकरण के लिए धरना प्रदर्शन किया। सरपंच संघ की 19 सूत्रीय मांगों में मोहन सरकार के एक मंत्री का इस्तीफा भी शामिल है। 


राष्ट्रीय सरपंच संघ मध्यप्रदेश ने कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री गौतम टेटवाल का इस्तीफा मांगा है। दरअसल 2 जुलाई को गौतम टेटवाल ने बयान दिया था कि गांव में यदि गौ माता घूमते पाई गई या उन्हें कुछ नुकसान पहुंचता है तो उस पंचायत के सरपंच, जनपद सदस्य, पंचायत सहायक, सहायक, पंचायत सचिव सब जिम्मेदार होंगे। गाय को कोई नुकसान पहुंचा तो सरपंचों को धारा 151 में जेल भेज देंगे। सरपंच राज्यमंत्री के इसी बयान से खफा हैं। उन्होंने अपने मांग पत्र में टेटवाल का इस्तीफा भी मांगा है।