MP News: राज्य के कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी, 36 साल से चली आ रही वेतन विसंगतियां जल्द होंगी खत्म 

प्रदेश के करीब 5 लाख कर्मचारियों को हर साल 12 हजार से लेकर 60 हजार रुपए तक का लाभ

 

भोपाल। एमपी के साढ़े सात लाख कर्मचारियों के दो हजार संवर्गों में से एक हजार में पिछले 36 साल से चली आ रही वेतन विसंगतियां जल्द खत्म होने जा रही हैं। वेतनमान में एकरूपता से करीब 5 लाख कर्मचारियों को हर साल 12 हजार से लेकर 60 हजार रुपए तक का लाभ होगा। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि सिंघल आयोग की रिपोर्ट मिल गई है, जिसका परीक्षण कर जल्द ही लागू किया जाएगा। 


प्रदेश के समस्त 52 विभागों में लिपिक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कार्यरत हैं जिनकी वेतन विसंगतियां बनी हुई हैं। लिपिकों के वेतन की विसंगति 1984 से चली आ रही है। तृतीय श्रेणी मे लिपिकों का वेतन सबसे च्यादा था। लिपिकों का वेतन पटवारी, सहायक शिक्षक, ग्राम सेवक, ग्राम सहायक, पशु क्षेत्र चिकित्सा अधिकारी संवर्ग से च्यादा था। लेकिन धीरे-धीरे नीचे वाले सभी संवगों के वेतन बढ़ते गए और उनके पदनाम भी बदल गए।


 आज की स्थिति में लिपिक तृतीय श्रेणी के संवर्गों में वेतन में निम्न स्तर पर है। लिपिक और चतुर्थ श्रेणी की ग्रेड-पे में केवल 100 रुपए का अंतर है। राजस्थान में लिपिकों का वेतनमान बढ़ाया जा चुका है। वहीं, सहायक ग्रेड-3 की ग्रेड-पे 1900 रुपए है, जबकि डाटा एंट्री आपरेटर की 2400 रुपए। पटवारी की ग्रेड-पे 2100 रुपए है।


पशु चिकित्सकों के वेतन में भी अंतर
ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं का इलाज करने वाले पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों का वेतनमान बढ़ा दिया गया है, वहीं ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की 11 योजनाओं का क्रियान्वयन करने वाले एएनएम और एमपीडब्ल्यू का वेतनमान नहीं बढ़ाया गया है। जिन संवगों में इंस्पेक्टर लगता है, वे उनका वेतनमान अन्य इंस्पेक्टर के समान चाहते हैं।

शिक्षा विभाग में वरिष्ठ को जोड़ा नहीं गया
2018 में शिक्षा कर्मी, गुरुजी इत्यादि संवगों का संविलियन अध्यापक संवर्ग में कर दिया गया है, लेकिन उन्हें संविलियन दिनांक से वरिष्ठता दी गई, इस वजह से उनकी उनकी पेंशनेबल सर्विस बहुत कम हो गई। एकी 15 से 20 साल की पूर्व सेवा को वरिष्ठता से जोड़ा ही नहीं गया। प्रदेश के समस्त नियमित और गैर नियमित अस्थायी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की आयु 62 वर्ष कर दी गई है, लेकिन होमगार्ड के जवानों की सेवानिवृत्ति की आयु अभी भी 60 वर्ष है।