जन जागरूकता से ही शराब बंदी संभव – सत्यनारायण

रायपुर राज्य में शराबबंदी के लिए गठित समिति के प्रमुख सत्यनारायण शर्मा ने कहा है कि जब तक आम लोगों के बीच जनजागरूकता नहीं आयेगी तब तक इस पर ठोस निर्णय ले पाना संभव नहीं। सरकार इसके सारे पहलुओं पर सूक्ष्मता से विचार कर रही है लेकिन विपक्षी दल भाजपा इसमें केवल और केवल राजनीति
 

रायपुर
राज्य में शराबबंदी के लिए गठित समिति के प्रमुख सत्यनारायण शर्मा ने कहा है कि जब तक आम लोगों के बीच जनजागरूकता नहीं आयेगी तब तक इस पर ठोस निर्णय ले पाना संभव नहीं। सरकार इसके सारे पहलुओं पर सूक्ष्मता से  विचार कर रही है लेकिन विपक्षी दल भाजपा इसमें केवल और केवल राजनीति कर रही है। उनके बयान को ही गलत तरीके से प्रस्तुत कर दिया गया। वे भी तो पन्द्रह साल तक सत्ता पर थे क्या किया? केवल पैसा कमाने के लिए गर्त में  ढकेल दिया। उस वक्त तो खुले आम शराब की आवाजाही होते रही। संपूर्ण देश में एक साथ शराब बंदी की जानी चाहिए यह उनका व्यक्तिगत विचार है।

कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक व पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा आज अपने निवास कार्यालय में पीसी कर रहे थे,उन्होने कहा कि बीजेपी स्वयं गंगा जल हाथ में लेकर कसम खा कर सच बोल दे कि शराब बंदी के ही लिए कांग्रेस ने शपथ ली थी राजनीति इस गंभीर मुद्दे पर कतई उचित नहीं।  वास्तविक धरा पर शराब बंदी करना बहुत कठिन कार्य है यह तब ही संभव हो सकता है जब जनता में जागरूकता आएगी इसके पूर्व भी देश में बहुत से राज्य गुजरात,पंजाब,मध्यप्रदेश, सहित कई राज्यों में शराब बंदी की गई है मगर इसके क्या परिणाम सामने आए है यह सब को ज्ञात है  शराब बंदी के लिए भी शासन स्तर पर एक समिति गठित की गई है जो राज्यों का दौरा कर वहां की रिपोर्ट शासन को सौंपेगी उसी आधार पर प्रदेश में शराब बंदी की कार्य योजना बनाई जाएगी उन्होंने आगे कहा कि समाचार पत्रों और टीवी चैनलों के माध्यम से यह भी ज्ञात हुआ था कि नकली शराब सेवन से लगभग डेढ़ सौ लोग काल कलवित हो चुके है उन्होंने कहा यह सब शराब बंदी का ही दुष्परिणाम है.श्री शर्मा ने यह भी कहा कि बगैर जन जागरूकता लाए शराब बंदी असंभव है इसके लिए घर के प्रत्येक व्यक्ति माता,बहने,बच्चों सहित आम लोगों द्वारा विरोध जरूरी है उन्होंने आगे कहा की नोट बंदी की तरह शराब बंदी असंभव है नोट बंदी के बाद जो व्यावहारिक परेशानियां पूरे देश में आई थी वैसे ही आकस्मिक शराब बंदी से राज्य में भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ सकता है. दशहरा दिवाली के बीच शासन द्वारा गठित कमेटी देश के अन्य राज्यों का दौरा कर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी,इसके लिए शराब बंदी राज्यों को पत्र लिखा जा चुका है वहा से रिपोर्ट आने के पश्चात ही कोई निर्णायक  कदम उठाया जाएगा। शर्मा ने यह भी कहा कि संपूर्ण देश में एक साथ शराब बंदी की जानी चाहिए।