Amarkantak News: अमरकंटक में 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का भारत केंद्रित क्रियान्वयन तथा स्वावलंबी भारत' विषय पर सेमिनार का हुआ आयोजन
स्वदेशी और उद्यमिता का संगम राष्ट्रीय शिक्षा नीति मूलमंत्र: केशव दुबौलिया
अमरकंटक। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक केशव दुबौलिया, क्षेत्र संगठक, मध्यक्षेत्र, स्वदेशी जागरण मंच के मुख्य आतिथ्य में 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का भारत केंद्रित क्रियान्वयन तथा स्वावलंबी भारत' विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक मध्य प्रदेश में किया गया। कार्यक्रम में अधिष्ठाता, विभाग अध्यक्ष, विश्वविद्यालय के अनेक शिक्षकों, स्वदेशी कार्यकर्ता तथा स्नातक-स्नातकोत्तर एवं पीएचडी के छात्र-छात्राएं सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केशव दुबौलिया ने कहा कि शिक्षा केवल नौकरी के लिए नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता के लिए होनी चाहिए। शिक्षा केवल जानकारी देने का माध्यम नहीं, बल्कि आत्मबल, चरित्र, स्वावलंबन और राष्ट्रनिर्माण का आधार होनी चाहिए।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत-केन्द्रित दृष्टिकोण को पुन: स्थापित करने का ऐतिहासिक अवसर है। भारत को आत्मनिर्भर तथा विकसित बनाने के लिए यह आवश्यक है कि हमारी शिक्षा प्रणाली रोजगार मांगने वालों को नहीं, बल्कि रोजगार देने वालों को तैयार करें।
विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में स्टार्टअप और नवाचार आधारित उद्यमिता विकास के लिए शिक्षण संस्थाओं में 'स्वावलंबन-केंद्र' की स्थापना होना परम आवश्यक है। ग्रामीण, जनजातीय और पिछड़े वर्गों के लिए स्थानीय संसाधनों पर आधारित स्वावलंबन के अवसर के साथ हर विद्यार्थी को यह आत्मविश्वास मिलना चाहिए कि वह स्वयं निर्माण कर सकता है, नेतृत्व कर सकता है, और समाज के लिए कुछ कर सकता है।
श्री केशव ने आगे कहा कि स्वदेशी का अर्थ दुनिया से कटना नहीं, बल्कि अपने मूल और अपनी आत्मा से जुड़कर दुनिया से संवाद और स्वयं को स्वावलंबी बनाना है, जिससे छात्र संस्कृति से जुड़ाव महसूस करें। उन्होंने आगे कहा कि स्वदेशी का अर्थ आत्मगौरव और आत्मनिर्भरता है। स्वदेशी आधुनिक विज्ञान का विरोधी नहीं हैं, बल्कि अंधानुकरण का विरोधी हैं।
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय विश्वविद्यालय के सैकड़ो छात्र-छात्राओं ने अपने अधिष्ठाता तथा मुख्य अतिथि के समक्ष नौकरी नहीं करने का संकल्प लिया तथा यह भी संकल्प दोहराया कि वे उद्यमी बनकर राष्ट्र के आर्थिक विकास तथा विकसित भारत 2047 में अपनी भूमिका निभाएंगे।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से अधिष्ठाता प्रो विकास सिंह, डॉ. विनोद वर्मा महाकौशल प्रांत युवा आयाम प्रमुख, हरिश विश्वकर्मा-जिला संयोजक डिंडौरी, डॉ दिनेश परस्ते, अनुराग सिंह, आशीष कुमार गुप्ता, पंकज प्यासी, डॉ दीपक त्रिपाठी, चिन्मय पाण्डेय-शोध विद्वान, रितुराज सौंधिया, खेलन सिंह ओरके, हिरा सिंह उद्दे, जागेंद्र साहू, सचिन सेन, अमर सिंह, शिवांशु बर्मन, प्राची विश्वकर्मा, वाणी मंगलानी, अंशिका सोनी, अंकिता मिश्रा, स्नेहिका मोंगरे, अभिलाषा पूरी, स्वप्निल बर्दिया, राहुल समुद्रै, मुकेश यादव, राधेश्याम, जिमी खत्री, रूपाली सिंह, खुशबू, दर्शिका हलवाई, जैनेंद्र साहू, पूजा यादव, नीलम गुर्जर, कृष्णा, भूमि सिंह, प्राची साहू, आस्था भटनागर, प्रिंस कुमार अहिरवार, अभिषेक सिंह बघेल, प्रकाश यादव, रवि कुमार, निशा सिंह, रूपाली सिंह, सुलोचना परस्ते सहित सैकड़ों छात्र और छात्राएं उपस्थित रहे।