सुप्रीम कोर्ट से उद्धव ठाकरे को लगा झटका, यथास्थिति की माँग को किया गया खारिज

उप-चुनाव में शिवसेना के चुनाव चिन्ह से मैदान में उतरेगा शिंदे गुट, कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग के समक्ष शिंदे ने खुद को साबित किया
 

उद्धव ठाकरे के गुट को एक और झटका मिला है। चुनाव आयोग के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने भी उद्धव की माँग को ठुकरा दिया है। उद्धव गुट ने चुनाव आयोग के फ़ैसले पर रोक की माँग की थी। दरअसल, चुनाव आयोग शिंदे गुट को ही असल शिवसेना घोषित कर आधिकारिक निशान यानी चुनाव चिन्ह भी शिंदे गुट को ही दे दिया था। उद्धव गुट को इसमें केंद्र सरकार की तरफ़दारी दिख रही थी।

उद्धव ठाकरे ने आरोप भी लगाया था कि सबकुछ केंद्र सरकार के इशारे पर चल रहा है। हमें नीचा दिखाया जा रहा है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने भी चुनाव आयोग के फ़ैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि शिंदे गुट ने आयोग के सामने खुद को साबित किया है इसलिए रोक लगाने की कोई गुंजाइश नहीं बचती ।

कोर्ट ने शिंदे गुट से यह ज़रूर कहा है कि चूँकि वे अब आधिकारिक रूप से शिवसेना हैं इसलिए पूरी तरह अलग होने या कोई अंतिम फ़ैसला आने तक ऐसा कोई व्हिप जारी न करें जिसका पालन न करने पर उद्धव गुट के विधायकों या सांसदों की सदस्यता पर ख़तरा मंडराने लगे। शिंदे गुट ने कोर्ट की इस बात का मान रखा जो कि रखना ही था। पार्टी कार्यालयों और बैंक खातों के बारे में भी सावधानी बरतने को कहा गया है। हालाँकि कोर्ट ने इस मामले में भी यथास्थिति का आदेश देने से साफ़ इनकार कर दिया है।

दरअसल, 26 फ़रवरी को महाराष्ट्र में विधानसभा उपचुनाव होने हैं। इसमें उद्धव गुट की मजबूरी यह है कि उसे अलग नाम और अलग या नए चुनाव चिन्ह से चुनाव लड़ना होगा। जबकि शिंदे गुट शिवसेना के नाम से और उसके आधिकारिक चुनाव चिन्ह तीर कमान के ज़रिए उपचुनाव में उतरेगा।