MP Politics: कमलनाथ को शामिल कराने BJP प्रदेश नेतृत्व नहीं था तैयार, सिंधिया-विजयवर्गीय ने की थी खिलाफत 

एमपी बीजेपी नेताओं ने कहा कमलनाथ की जरूरत नहीं, हम देंगे 29 सीट

 

भोपाल। पिछले तीन दिनों से राजनीति के परवान पर चढ़े कमलनाथ एपीसोड का पटाक्षेप हो गया। सूत्रों की माने तो नाथ के भाजपा प्रवेश पर पार्टी का प्रदेश नेतृत्व तैयार नहीं था। राष्ट्रीय अधिवेशन के उपरांन शीर्ष नेतृत्व को भरोसा दिलाया गया कि मध्यप्रदेश की सभी 29 सीटें भाजपा जीतेंगी, इसके लिए कमलनाथ को पार्टी में लाना जरूरी नहीं है।

गौरतलब है कि पिछले तीन दिनों से कमलनाथ के भाजया में जाने की खबरें राहीं होने ही नाली भी, कि प्रदेश भाजपा के कुछ नेताओं ने शीर्ष नेतृत्व के सामने अपनी बातें रखी, जिसमें उन्होंने कहा कि पहले भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों की वजह से पार्टी के कई पुराने नेता हाशिए में चले गए है, ऐसे में यदि नाब को भाजपा में लिया बहा है.तो उनके समर्थकों के लिए भी हमें अपने कार्यकतांकों की बलि देनी पड़ेगी। नेताओं का कहना था कि जब सब बाहर से ही आ जाएंगे जो हमारे लोगों का क्या होगा? कमलनाथ के आने के बाद छिंदवाड़ा और महाकौशल में सालों में संघर्ष कर रहे भाजपा नेता आखिर कहां जाएंगे।

प्रदेश के नेताओ ने शीर्ष नेतृत्व को समझाया कि प्रदेश सरकार लगभग दो तिहाई बहुमत से काम कर रही है, जिससे पार्टी को कांग्रेस के किसी भी विधायक को जरुरत नहीं है। लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने संगठनात्मक दृष्टि ने जो तैयारी की है, उससे तय है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में पार्टी को सभी 29 सीट जीती हुई मिलेगी। भाजपा की करीबी सूत्रों की माने तो नाथ का पार्टी में आना लगभग तय था, किन्तु नाथ ने जो सर्वे भाजपा के सामने रखी थी, उस पर नाथ और भाजपा के दिग्गज नेताओं के बीच हुई बातचीत में सहमति नहीं वन सकी। यही वजह है कि पूर्व सीएम कमलनाथ खुद भाजपा में शामिल होने को लेकर कोई भी बयान देने से बचते रहे।


सिंधिया-विजगवर्गीय ने किया विरोध 
सूत्रों की माने तो कमलनाथ के भाजपा में आने से रोकने में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और सूबे के वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का ऐल सबसे अहम बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि अधिवेशन के दौरान समय मिलने पर इन नेताओं ने नाथ की एंट्री को लेकरशीर्ष नेतृत्व से चर्चा की और जैसे ही अधिवेशन खत्म हुआ, ये दोनों नेता एक बार फिर से आलाकमान में मिले और उनके सामने अपनी बातें रखी। उन्होंने पंजाब सहित दूसरे सिख नेताओं के विरोध की बात से भी पार्टी को अवगत कराया। बताया गया है कि इसके बाद नाथ को संदेश भेजा गया कि उनकी ते स्वीकार नहीं है।

सज्जन सिंह बोले नकुल कांग्रेस से लड़ेंगे चुनाव
इधर सोमवार की दोपहर को नाथ के विश्वरत पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने एलान कर दिया कि कमलताथ कहीं नहीं जा रहे है और उनके पुत्र नकुलनाथ कांग्रेस को टिकट पर छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ेंगे।

रविवार की सुबह तक था जाना तय
बताया गया है कि कमलनाथ का रविवार की सुबह तक भाजपा में जाना लगभग तय माना जा रहा था। इसको लेकर उनके समर्थकों और चाहने वाले लोगों की लामबंदी भी दिल्ली में हो गई थी, लेकिन भाजपा नेताओं में चात नही जनने और कांग्रेस के बरिष्ठ नेताओं के आपट के बाद उन्होंने अपना निर्णय बदल दिया।

 
सोनिया राहुल के आग्रह पर बदला निर्णय

कांग्रेस से जुड़े सूत्र बता रहे हैं कि रविवार को राहुल गांधी में मोवाइल कॉल के अरिए जय की बात होने के कुछ देर धाद सोनिया गांधी के संदेश मिला। इस पर जाथ जे सोनिया गांधी से बात की। इसी बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन चने में भी जाथ से अपना फैसला बदलने का आग्रह किया। जिसके बाद नाथ ने अपना कनाला बदलने का निर्णय लिया।