OMG! ज्यादा ना करें ईयरफोन का इस्तेमाल, वरना सिकुड़ जाएगा दिमाग, जानिए क्या हो रही परेशानियां-

दिमाग नहीं सोच पा रहा नई चीजें, बाहर की आवाज करती हैं परेशान

 

बदलती जीवनशैली आप लोगों मैं काफी परिवर्तन ला रही है यही कारण है इनदिनों मोबाइल का उपयोग करने वाले लोगों में इयरफोन के उपयोग का चलन तेजी से बढ़ रहा है। अत्यधिक कामकाजी दौर में इयरफोन और हेडफोन जीवन का जरूरी हिस्सा बन गए हैं, लेकिन इसका अत्यधिक इस्तेमाल लोगों में कई तरह की नई शारीरिक और मानसिक बीमारी बढ़ा रहा है। 

इसका उपयोग करने वाले व्यक्ति को मोबाइल की आवाज तो बेहतर सुनाई देती है लेकिन यह सामान्य से अधिक तेज होती है, जिसकी वजह से कानों के साथ ही मस्तिष्क पर भी असर पड़ता है। हेडफोन या इयरफोन के इस्तेमाल करने के दौरान व्यक्ति की एकाग्रता उसी पर टिक जाती है। इससे बाहरी वातावरण के शोर को काफी मात्रा में कम कर दिया जाता है और डिवाइस में बाहर की बिल्कुल ध्वनि सुनाई नहीं देती। अधिक समय तक इसका इस्तेमाल करने से लोगों की स्वयं नई सोच विकसित होने की क्षमता कम होने लगती है। दिमागी

मेडिकल कॉलेज एवं अन्य अस्पतालों में मनोचिकित्सकों के पास ऐसे मरीज सामने आ रहे हैं। जिनकी समस्याओं का पता करने पर एक कारण यह प्रमुख रूप से उभरकर सामने आ रहा कि संबंधित व्यक्ति हेडफोड या इयरफोन का अधिक इस्तेमाल करता है। ऐसे लोग बाहर की आवाज को नापसंद करने लगते हैं। उन्हें सामान्य आवाज भी बहुत तेज सुनाई देती है। 

घरों में चलने वाली आम मशीनें वैक्यूम क्लीनर, वाशिंग मशीन के अलावा कूलर, फैन की आवाज से बचने के लिए भी लोग नॉइज कैंसलिंग हेडफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। कई लोग तो ऐसे भी सामने आ रहे हैं, जो टीवी और वेब सीरीज देखने के लिए भी तुरंत हेडफोन लगा लेते हैं. ताकि उन्हें बाहर की गाड़ियों की आवाज भी न आए। इस विकार में कई लोगों को सिर दर्द और चक्कर जैसा महसूस होता है।