खरमास माना जाता है अशुभ, लेकिन इन कार्यों को करने से मिलता है उत्तम फल
इस महीने कई तरह के मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है फिर भी इस माह कुछ कार्यों को करना बेहद शुभ माना जाता है
15 मार्च से खरमास की शुरुआत हो चुकी है जो 14 अप्रैल तक रहेगा. इस महीने कई तरह के मांगलिक कार्यों पर रोक लगती है. माना जाता है कि खरमास में किए गए काम सफल नहीं होते हैं. ज्योतिष शास्त्र में खरमास को अच्छा नहीं माना जाता है. इस माह भगवान सूर्य देव की उपासना करना विशेष फलदायी माना जाता है. वैसे तो खरमास में कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं लेकिन इस माह कुछ कार्यों को करना बेहद शुभ माना जाता है.
खरमास में नहीं किए जाते ये काम
खरमास के दौरान शादी-विवाह जैसे शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है. माना जाता है कि खरमास की महीने में विवाह करने पर पति-पत्नि का वैवाहिक जीवन सुखमय नहीं रहता है. खरमास के महीने में नए मकान का निर्माण और संपत्ति खरीदना भी अशुभ माना जाता है.
खरमास के महीने में कोई भी नया काम या व्यवसाय नहीं शुरू किया जाता है. माना जाता है कि इस महीने में शुरू किए गए कामों में सफलता नहीं मिलती है. इसके अलावा इस माह में गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार, नई वधू का गृह प्रवेश या फिर सगाई जैसे कामों की भी मनाही होती है. खरमास में किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठान को करने से भी मना किया जाता है.
खरमास में किए जाते हैं ये काम
खरमास के दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जा सकते हैं, लेकिन इस माह प्रेम विवाह या फिर स्वयंवर जैसे मांगलिक कार्य हो सकते हैं. खरमास के दौरान दान-दक्षिणा और जप करना बहुत शुभ माना जाता है. खरमास में इन कार्यों को करने से उत्तम फलों की प्राप्ति होती है. इस माह आप अन्नप्राशन जैसे शुभ काम भी करवा सकते हैं. खरमास में ब्राह्मण और गौ माता की सेवा करना भी शुभ फल देता है. इस महीने तीर्थ यात्रा करना भी उत्तम माना जाता है.
खरमास के दौरान यज्ञ करना भी बहुत पुण्यकारी माना गया है. मान्यता है कि खरमास के दौरान हवन करने से घर के सदस्यों पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. इस माह में यज्ञ करने से घर में आर्थिक तंगी जैसे हालात नहीं बनते हैं और मां लक्ष्मी की कृपा से धन-धान्य में वृद्धि होती है.
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