kalavanti Fort: ये है देश का सबसे खतरनाक किला, 2300 फीट ऊंचा, दोनों तरफ है खाई 

एक गलती ले सकती है जान, चढ़ने वाली पतली सीढ़ियों में न रेलिंग और न ही पकड़ने के लिए कोई रस्सी 

 

कलावंती किला महाराष्ट्र में स्थित है, जिसे देश के सबसे खतरनाक किले में गिना जाता है। इस फोर्ट के बारे में कहा जाता है कि यह देश का सबसे डेंजरस फोर्ट है लेकिन फिर भी लोग 2300 फीट ऊंचे इस किले पर ट्रेकिंग करने के लिए रोज जाते हैं, आश्चर्य हुआ न? और तो और इस किले की चढ़ाई में केवल पतली सी सीढ़ियां हैं और दोनों तरफ खाई है, जहां इंसान का पैर फिसला वहीं आप गए। वैसे इस तरह के खतरनाक और दुर्गम किले आपको यहां और भी देखने को मिल जाएंगे लेकिन इस किले की लोकप्रियता कुछ और ही है।


आसपास नहीं है कोई रेलिंग और स्स्सी-
ये किला इतना खतरनाक है, आप खुद इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां न तो रेलिंग है और ही रस्सी है। लोग एक-एक कदम के साथ किले की सीढ़ियों पर चढ़ते हैं, लेकिन उतरने में हिम्मत साथ नहीं देती। छोटी सी गलती से जान जा सकती है। शाम होते ही यहां हल्की ठंड भी महसूस होने लगती है, क्योंकि किला चारों से ओर से खुला है और हर तरफ हरी-भरी हरियाली और चट्टानें है। 

दो किलों पर नजर रखने किया था निर्माण
किले का निर्माण बहमनी सल्तनत के समय में पनवेल और कल्याण किले पर नजर रखने के लिए किया गया था। लेकिन 1458 एडी में अहमदनगर सल्तनत की हार से ये किला उनसे छीन लिया गया। कलावंती किले के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यहां आने वाले कई लोगों की गिरकर मौत हुई है। यहां बारिश के मौसम में आना काफी खतरनाक है, क्योंकि रास्ते फिसलन भरे हो जाते हैं, और एक गलती आपकी जान ले सकती है।

पहले मुरंजन नाम था किले का, शिवाजी ने बदला
पहले इस किले का नाम मुरंजन किला हुआ करता था, लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज के राज में इसका नाम बदल दिया गया। शिवाजी महाराज ने रानी कलावंती के नाम पर इस किले को नाम दिया। किले को देखने के लिए न केवल देश से बल्कि दुनियाभर से लोग यहां आते हैं।

माथेरान और पनवेल के बीच है किला
प्रबलगढ़ का किला महाराष्ट्र में स्थित है! ये किला माथेरान और पनवेल के बीच स्थित है। इसकी संरचना और ऊंचाई कुछ ऐसी है कि फोटो में देखने वाले लोगों को और भी आकर्षित कर देती है। इसे भारत के सबसे ऊंचे और खतरनाक किलों में गिना जाता है। रायगढ़ जिले में स्थित इस किले के आसपास कई शानदार नजारे भी देखने को मिलते हैं।

सूर्यास्त से पहले वापस लौट जाते हैं लोग
सूर्यास्त होने से पहले ही सैलानी इस किले से वापस घर लौट जाते हैं क्योंकि शाम में यहां से लौटना मुश्किल ही नामुमकिन है, क्योंकि इस ट्रैक को आप केवल उजाले में ही कर सकते हैं। इसके अलावा यहां न यहां पानी की व्यवस्था है और न बिजली की। इस वजह से शाम होने से पहले ही लोग किले से नीचे उतरना शुरू कर देते हैं। सपास

 


कलावंती किले तक कैसे पहुंचे
हवाई जहाज से: प्रभलगढ़ के पास मुंबई का छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, यहां से आप ये जगह 50 किमी दूर है। मुंबई एयरपोर्ट से पसलगढ़ के लिए आपको सीधा टैक्सी मिल जाएगी। ट्रेन से: प्रभलगढ़ से सबसे पास का स्टेशन पनवेल स्टेशन है, नवी मुंबई और मुंबई से यहां तक के लिए आप लोकल ट्रेन भी ले सकते हैं। रोड से: प्रभलगढ़ से बस से जाना बेस्ट है, यहां तक के लिए आपको महाराष्ट्र स्टेट ट्रांसपोर्ट की कई बसें मिल जाएंगी। बस मुख्य बस स्टैंड पनवेल तक आएगी, आप यहां से टैक्सी ले सकते हैं।