Shahdol News: अब शहडोल से भी पीएमश्री हवाई सेवा शुरू करने की उठी मांग, रीवा-सिंगरौली में चल रही सेवा

क्षेत्र में अमरकंटक व बांधवगढ़ जैसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल सहित कई कोयला खदानें भी अच्छा रिस्पांस रहने की उम्मीद 

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Shahdol

गुड मॉर्निंग, शहडोल। संभाग से 1000 से अधिक लोग हवाई सेवा के लिए जबलपुर या रायपुर ट्रेवल्स या फिर अन्य वाहनों से जाते हैं। इसके बाद आगे की यात्रा प्रारंभ करते हैं। इससे न केवल उन्हे परेशानी होती है बल्कि समय के साथ ही अतिरिक्त खर्च भी उठाना पड़ता है।  इसलिए शहडोल संभाग मे पीएमश्री हवाई सेवा शुरू करने की मॉग उठ रही है । सरकार ने पीएमश्री हवाई पर्यटन सेवा योजना के तहत रीवा, सिंगरौली व शहडोल में हवाई अड्डों का निर्माण समय में पूरा करने का वादा किया है। हाल ही में रीवा व सिंगरौली को जबलपुर इंदौर से जोडने हवाई सेवा प्रारंभ की गई है।

 शहडोल संभाग में भी अमरकंटक व बांधवगढ़ जैसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं। यहां हर वर्ष लाखों पर्यटक पहुंचते हैं। संभागीय मुख्यालय से एयर कनेक्टिविटी की सुविधा मिले तो पर्यटन की संभावनाएं और बढ़ेंगी, व्यापार में भी बढ़ोतरी होगी। संभाग में कई उद्योग भी हैं, उन्हे भी गति मिलेगी। बड़े शहरों से बेहतर कनेक्टिविटी न होने की वजह से यहां बड़े व्यवसायी व औद्योगिक गतिविधियों से जुड़े लोग आने से कतराते हैं। यही वजह है कि क्षेत्र का विकास, रोजगार के साधन व पर्यटन की संभावनाओं को अब तक पर नहीं लग पाए हैं।

हवाई यात्रा के लिए जिले से प्रतिदिन 10-12 लोग जबलपुर या रायपुर के लिए वाहन बुक करते हैं। इनमें से कुछ ट्रवर्ल्स के माध्यम से तो कुछ अपने कान्ट्रेक्ट वाले वाहन बुक करते हैं। ट्रेवल्स संचालकों की माने तो हर महीने 100 से अधिक वाहनों की बुकिंग रायपुर या जबलपुर के लिए होती है। इसके अलावा अनूपपुर व उमरिया से भी बड़ी संख्या में लोग वाहन बुक कर हवाई यात्रा के लिए यहां से जाते हैं।

संभाग में 28 से अधिक एसईसीएल की कोयला खदानें हैं, शहडोल में रिलायंस, अल्ट्राटेक व अमलाई पेपर मिल का संचालन हो रहा है। इसके अलावा अनूपपुर में कई उद्योग स्थापित है। कोयला खदानों के साथ ही यहां स्थापित उद्योगों में हर दिन अधिकारी कर्मचारी वर्ग का आना जाना लगा रहता है। इन बड़े-बड़े उद्योगों के प्रबंधन ने अलग से टाईअप कर रखा है। साथ ही इनके भी वाहन है। इन वाहनों से यह अधिकारी हवाई यात्रा के लिए जबलपुर व रायपुर आवागमन करते हैं। आवश्यकता पडने पर स्थानीय स्तर से वाहन की व्यवस्था करते हैं।