MP News: मध्यप्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग ने नौनिहालों की खेल सामग्री के टेंडर में किया गेम

80 करोड़ के टेंडर की शिकायत, बिडर को गुमराह करने जोड़ी मनमर्जी शर्तें

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Rewa

भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग ने अब नौनिहालों के लिए खरीदी जा रही खेल सामग्री के टेंडर में खेल कर दिया है। अस्सी करोड़ रुपए के इस टेंडर की शिकायत जैम पोर्टल और संचालक राज्य शिक्षा केंद्र से की गई है। शिकायत का निवारण नहीं होने पर शिकायतकर्ता कंपनी के अधिकारी मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से मिलने की तैयारी में हैं।


स्कूल शिक्षा विभाग की खरीदी के मामले में दिन-प्रतिदिन परतें खुलती जा रही हैं। हाल में इंटरेक्टिव पैनल खरीदी का मामला ईओडब्ल्यू पहुंचा था। इसके बाद खेल सामग्री की खरीदी पर सवाल उठे। अब नया मामला बच्चों के लिए खरीदे जा रहे खिलौने और फर्नीचर का है। 


विभाग ने इनकी खरीदी का टेंडर जैम पोर्टल पर 6 नवंबर को जारी किया था। करीब 80 करोड़ के टेंडर की अंतिम तिथि 26 नवंबर रखी गई थी। बाद में इसे दस दिन के लिए बढ़ा दिया गया था। दस दिन पहले खुले इस टेंडर में तीन कंपनियों को क्वालीफाई किया गया है।

इसमें आदित्य ट्रेडिंग, एलेक्स इंडस्ट्रीज व विल्सन ग्रीन शामिल हैं, जबकि नेशनल प्लास्टिक इंडस्ट्रीज को अयोग्य माना है। अभी इन्हें दस्तावेजों के जमा करने का समय दिया गया है। टेंडर के मामले में सुप्रीम, सेलो जैसी बड़ी कंपनियों ने जैम पोर्टल और संचालक राज्य शिक्षा केंद्र से शिकायत की है।


 शिकायत में कहा गया है कि जैम पोर्टल पर बिड दस्तावेजों में बताया गया कि टेबिल का शेप रेटेंगुलर होना चाहिए, जबकि टेबिल के साथ ड्राइंग एप्पल शेप की लगाई है। इससे सिर्फ बिडर को कंफ्यूज किया गया है। यह सिर्फ किसी चहेती कंपनी को टेंडर देने के लिए किया गया है। इतना ही नहीं, जैम पोर्टल पर सामान के लिए जो शर्ते होती हैं, उसमें स्कूल शिक्षा विभाग ने अपनी एडीशनल शर्त जोड़ी है। यह शर्तें भी ऐसी हैं, जिसे सिर्फ फायदा पहुंचाया जाना हो।


टेंडर की प्रक्रिया में एक परिवार की दो कंपनियां
बताया जाता कि आदित्य ट्रेडिंग का संचालन लखन तिवारी और अतुल मेहता करते हैं, जबकि एलेक्स इंडस्ट्रीज का संचालन नेहा लखन तिवारी द्वारा किया जाता है। विल्सन ग्रीन इंडस्ट्रीज के ऑनर अमरीश दवे हैं। आदित्य ट्रेडिंग व एलेक्स के ऑनर पति-पत्नी हैं, जबकि विल्सन ग्रीन का कारोबार आदित्य व एलेक्स के साथ होता है। यही तीनों कंपनियां खिलौने खरीदी के टेंडर में क्वालीफाई हुई है। यानी तीन में से दो कंपनियां तो एक परिवार की हो गई और तीसरी कंपनी उन दोनों कंपनियों की साझेदार हो गई। इस तरह से पूरा खेल अधिकारियों ने किया है।


टेंडर खुलने के साथ शिकायत
स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से जैम पोर्टल पर किसी चहेती कंपनी को फायदा पहुंचाए जाने संबंधी शिकायत खिलौने खरीदी के टेंडर के साथ कर दी गई थी। यह शिकायत संचालक राज्य शिक्षा केंद्र हरिजंदर सिंह के पास भी पहुंची, लेकिन शिकायत का टेंडर खुलने के बाद तक शिकायत का निराकरण नहीं किया गया है। यह भी सामने आया कि स्कूल शिक्षा विभाग और महिला बाल विकास विभाग में एक विशेष कंपनी खरीदी के मामलों में बारबार टेंडर प्रक्रिया में क्वालीफाई कर रही है।