पाकिस्तान की बर्बादी की असली वजह उसका मिनी बजट, अब IMF की मनमानी झेल रहा पाक

मिनी बजट से भारी महँगाई; आटा, पेट्रोल और शादी का खर्च कई गुना
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Shahbaj

पाकिस्तान अपने सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है. जनता पहले से ही महंगाई से त्रस्त है. लोगों को आटे के लिए लाइन लगानी पड़ रही है. इस बीच पाकिस्तान की सरकार ने इसी सप्ताह मिनी बजट पेश किया. इसमें पेट्रोल, गैस और दूसरी आवश्यक चीजों के दाम में वृद्धि की गई है. टैक्स वृद्धि का सबसे तगड़ा असर पेट्रोल की कीमतों पर पड़ा है. महंगाई से त्रस्त पाकिस्तान की जनता पर वहां की सरकार के एक फैसले से दोहरी मार पड़ी है. 

पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने जनता पर टैक्स बम फोड़ दिया है. इसके बाद पेट्रोल की कीमतें एक झटके में 22 रुपये बढ़ गई हैं. कीमतों की वृद्धि से त्रस्त जनता ने त्राहिमाम मचाना शुरू कर दिया है. पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमतें पहले से ही आसमान छू रही थीं. छह महीने पहले पेट्रोल की कीमत 237 पाकिस्तानी रुपये थीं, जो अब बढ़कर 272 पाकिस्तानी रुपये पर पहुंच गई हैं.

आईएमएफ की शर्तों में फंसा पाकिस्तान

आईएमएफ ने पाकिस्तान को कर्ज देने के लिए कड़ी शर्ते लगाई हैं. यही वजह है कि पाकिस्तान सरकार को नए टैक्स लगाने पड़े हैं. 16 फरवरी को पाकिस्तान के वित्त मंत्री इसहाक डार ने संसद में पूरक वित्त विधेयक यानी मिनी बजट पेश किया. इसमें पाकिस्तान सरकार ने नए कर के माध्यम से 170 अरब रुपये हासिल करने का लक्ष्य रखा है.

खाने-पीने की चीजों के बढ़े दाम 

सिर्फ पेट्रोल ही नहीं, खाने-पीने की चीजों के दामों में भी पिछले 6 महीने में भारी वृद्धि हुई है. आम आदमी के लिए रसोई चलाना मुश्किल हो गया है. छह महीने एक किलो चना दाल की कीमत 280 पाकिस्तानी रुपये थी. अब इसे खरीदने के लिए 430 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं.

दरअसल पाकिस्तान इस समय आर्थिक तंगहाली से जूझ रहा है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का राहत पैकेज ही इससे उबार सकता है. पैकेज के तहत एक अरब डॉलर की किश्त मिलने का इंतजार कर रहा है. आईएमएफ के अधिकारी 9 फरवरी को दस दिनों का पाकिस्तान दौरा पूरा कर वापस भी गए, लेकिन पैकेज का एलान नहीं किया.

शादी ब्याह भी होगा महंगा

पाकिस्तान में शादी ब्याह भी महंगा होने वाला है. शादी और समारोहों पर 10 प्रतिशत का एडवांस टैक्स लगा दिया गया है. फिलहाल थोड़ी राहत की बात ये है कि दूध, गेहूं, चावल और मांस को सेल्स टैक्स से बाहर रखा गया है.