‘कश्मीर भुलाकर भारत से दोस्ती कर लो’ सऊदी, यूएई की पाकिस्तान की दो टूक

दुनियाभर से कटोरा लेकर भीख मांग रहे कंगाल पाकिस्तान को उसके करीबी मुस्लिम दोस्त देशों सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने बड़ा झटका दिया है। इन दोनों ही देशों ने पाकिस्तान की सरकार को साफ कह दिया है कि वह कश्मीर को भूल जाए और भारत के साथ दोस्ती करके विवाद को खत्म करे।
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‘कश्मीर भुलाकर भारत से दोस्ती कर लो’ सऊदी, यूएई की पाकिस्तान की दो टूक

दुनियाभर से कटोरा लेकर भीख मांग रहे कंगाल पाकिस्‍तान को उसके करीबी मुस्लिम दोस्‍त देशों सऊदी अरब और संयुक्‍त अरब अमीरात ने बड़ा झटका दिया है। इन दोनों ही देशों ने पाकिस्‍तान की सरकार को साफ कह दिया है कि वह कश्‍मीर को भूल जाए और भारत के साथ दोस्‍ती करके विवाद को खत्‍म करे। यही नहीं कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 को हटाए जाने को लेकर पाकिस्‍तान जो हो हल्‍ला कर रहा है, उस पर भी सऊदी अरब और यूएई ने शहबाज सरकार को चुप्‍पी साधने के लिए कहा है। यूएई तो पाकिस्‍तान की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए कश्‍मीर में बड़े पैमाने पर निवेश करने जा रहा है।

 

सऊदी अरब और यूएई ने यह भी कहा कि पाकिस्‍तान भारत के साथ शांति का रास्‍ता अपनाए। इससे पहले ऐसी खबरें आई थीं कि यूएई ने जनरल बाजवा और इमरान खान के दौर में भारत के साथ बैक चैनल बातचीत का इंतजाम किया था। कहा जाता है कि कश्‍मीर को लेकर जनरल बाजवा भारत के साथ समझौते को लेकर सहमत हो गए थे लेकिन इमरान खान अचानक से पीछे हट गए थे। जनरल बाजवा के करीबी ने दावा किया था कि पीएम मोदी का पाकिस्‍तान दौरा होने वाला था लेकिन इमरान खान के अचानक पीछे हटने से यह नहीं हो सका।

 

सऊदी अरब और यूएई दोनों ही भारत के साथ आर्थिक रिश्‍ते बहुत मजबूत हो गए हैं। भारत चाहता है कि ये दोनों ही देश कश्‍मीर में बड़े पैमाने पर निवेश करें और पैसा कमाएं। सऊदी और यूएई दोनों ही अपनी अर्थव्‍यवस्‍था को तेल की बजाय अन्‍य क्षेत्रों से कमाई करके मजबूत करना चाहते हैं। सऊदी और यूएई के कई बिजनसमैन कश्‍मीर को लेकर हुई बैठक में शामिल हुए थे। इससे पाकिस्‍तान को बड़ा झटका लगा था जो कश्‍मीर को विवादित इलाका बताता रहा है।

पाकिस्तान पर भारी दबाब

पाकिस्तान के ऊपर भारी दबाव है। पाकिस्तानी फॉरेन पॉलिसी भी हाशिए पर है। पड़ोसी इस्लामिक देशों ने पाकिस्तान को मशविरा दिया है कि यदि उसे अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना है तो कश्मीर मुद्दे को साइड में करना होगा। साथ ही पाकिस्तान आर्टिकल 370 पर शोर मचाना बंद कर दे। यूएई और सउदी अरब ने पाकिस्तानी हुकूमत को इन मसलों पर चुप्पी साधने को कहा है। दरअसल, इसके पीछे की बड़ी वजह यूएई के भारत से बढ़ते व्यापारिक रिश्ते हैं। यूएई कश्मीर में बड़ा निवेश करने वाला है।

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