Rape Case: युवक-युवती दोनों की मर्जी से बनाया गया यौन संबंध बलात्कार नहीं, HC का ऐतिहासिक फैसला

कोलकाता हाईकोर्ट ने 14 साल पुराने मामले पर सुनाया फैसला
 
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कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसले में कहा कि दो वयस्क यदि आपसी सहमति से यौन संबंध स्थापित करते हैं तो वो बलात्कार नहीं माना जा सकता। 14 साल पुराने एक मामले पर अपना फैसला सुनाते हुए जस्टिस संपा दत्ता पाल ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि जब रिश्तों में दरार पड़ जाती हैं तो बलात्कार का मामला दायर कराया जाता है।

अधिवक्ता आशीष कुमार चौधरी ने बताया कि डानकुनी के दो परिवारों ने 2009 में आपस में पारिवारिक रिश्ता जोड़ने का निर्णय लिया। इसी के तहत दोनों परिवार के लड़के और लड़की रबिया और जहांगीर (नाम परिवर्तित) के बीच रिश्ता तय किया गया। रिश्ता तय होने के बाद रविया और जहांगीर काफी घनिष्ट हो गए। लेकिन नौकरी मिलने के बाद जहांगीर किसी अन्य लड़की से निकाह कर गोवा चला गया। इसके बाद रबिया ने डानकुनी थाने में शादी का प्रलोभन देकर बलात्कार करने का मामला दर्ज कराया। इसी आधार पर पुलिस ने जहांगीर के बदले उसके पिता को गिरफ्तार किया।


कोर्ट ने मुकदमों को खारिज करते हुए कहा कि दो वयस्कों में आपसी सहमति से यौन संबंध स्थापित हुआ, इसलिए यह बलात्कार नहीं हो सकता।01:35 PM