MP Politics: लगातार हारने वाली सीटों पर कांग्रेस का फोकस, 3 माह पहले प्रत्याशी तय करेगी पार्टी

प्रदेश भर के 70 विधानसभा सीटें पिछले तीन चुनावों से लगातार हार रही कांग्रेस

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इसी साल सितंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में कांग्रेस पूरी तरह से सक्रिय नजर आ रही है। पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता प्रदेश भर का दौरा कर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास करते दिखाई दे रहे हैं इसी बीच यह जानकारी सामने आई है कि कांग्रेस प्रदेश में लगातार तीन बार से चुनाव हार रहे सीटों पर फोकस कर रही है प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ऐसी सभी सीटों की लिस्ट बनाकर वहां संगठन को मजबूत बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

बताया जा रहा है कि प्रदेश भर में ऐसी 70 सीटें हैं जिन्हें कांग्रेस लगातार तीन चुनावों से हार रही है वही अब अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए कांग्रेस लगातार हारने वाली सीटों के प्रत्याशियों का नाम तीन माह पहले ही तय कर लेगी। बता दें कि 230 सदस्यीय विधानसभा में 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने 114 सीटें जीती थीं। ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद कांग्रेस के 95 विधायक हैं।

मध्‍य प्रदेश में 70 सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस को पिछले कई चुनावों से पराजय मिल रही है। इन सीटों पर पार्टी पहले ही प्रत्याशी तय कर लेगी ताकि प्रत्याशी अपनी मैदानी तैयारी के लिए पर्याप्त समय पा सकें। पार्टी के दिग्गज नेता भी इन क्षेत्रों में लगातार दौरे कर रहे हैं। साथ ही उन क्षेत्रों के प्रत्याशी भी पहले तय कर लिए जाएंगे जहां टिकट को लेकर बहुत खींचतान नहीं है। ऐसे क्षेत्रों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कार्यकर्ताओं से जानकारी जुटा रहे हैं।

प्रत्याशी चयन के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ सर्वे तो करा ही रहे हैं, वरिष्ठ नेताओं को मैदानी जानकारी जुटाने के लिए भी भेजा गया है। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी, अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया, नेता प्रतिपक्ष डा.गोविंद सिंह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, तरुण भनोत, जीतू पटवारी, कमलेश्वर पटेल सहित अन्य नेताओं को जिले आवंटित किए गए हैं।

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह उन सभी सीटों का दौरा कर रहे हैं, जहां पार्टी को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पर्यवेक्षक अर्जुन मोढवाडिया, सुभाष चोपड़ा, कुलदीप सिंह राठौड़, प्रदीप टम्टा के अलावा राष्ट्रीय सचिवों को भी जिलों का प्रभार दिया गया है। इन सभी से कहा गया है कि जीत की संभावना वाले कार्यकर्ताओं को चिह्नित करके उनके नाम बताएं।

सूत्रों का कहना है कि जिन सीटों पर लगातार हार मिल रही है और जहां टिकट को लेकर कोई खींचतान नहीं है, वहां प्रत्याशी का चयन तीन माह पूर्व करके संबंधित को सूचित कर दिया जाएगा ताकि वे अपनी मतदान केंद्र स्तरीय तैयारियों में जुट जाएं। संगठन के उपाध्यक्ष व समन्वय चंद्रप्रभाष शेखर का कहना है कि सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में तैयारी चल रही है। प्रत्याशी चयन को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ सर्वे भी करा रहे हैं। लगातार हारने वाली सीटों को लेकर विशेष कार्ययोजना पर काम हो रहा है।

कांग्रेस को इन सीटों पर लगातार मिल रही पराजय

सागर, नरयावली, रहली, दतिया, बालाघाट, रीवा, सीधी, मानपुर, भोजपुर, नरेला, हुजूर, गोविंदपुरा, बैरसिया, धार, इंदौर दो, इंदौर चार, इंदौर पांच, महू, शिवपुरी, गुना, ग्वालियर ग्रामीण, बीना, पथरिया, हटा, चांदला, बिजावर, रामपुर बघेलान, सिरमौर, सेमरिया, त्यौंथर, सिंगरौली, देवसर, धौहनी, जयसिंहनगर, जैतपुर, बांधवगढ़, मुड़वारा, जबलपुर केंट, पनागर, सिहोरा, परसवाड़ा, सिवनी, आमला, हरसूद ,टिमरनी, सिवनी मालवा, होशंगाबाद(नर्मदापुरम), सोहागुपर, पिपरिया, कुरवाई, शमशाबाद, बुधनी, आष्टा, सीहोर, सारंगपुर, सुसनेर, शुजालपुर, देवास, खातेगांव, बागली, खंडवा, पंधाना, बुरहानपुर, उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण, मंदसौर, रतलाम सिटी, मल्हारगढ़, नीमच, जावद।