Elections 2023 : दिग्विजय सिंह के सहारे विन्ध्य में नैया पार लगाएगी कांग्रेस ! 10 मार्च से सतना- रीवा में होंगे सक्रिय

विंध्य के साथ 7 जिलों की 29 सीटों में सिर्फ 5 कांग्रेस के पास; रीवा, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, जिलों में सभी सीटों पर BJP का कब्जा
 | 
Digvijay

इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल जोर- आजमाइश में लग चुके हैं। भाजपा की ओर से सीएम का चेहरा शिवराज सिंह चौहान हैं तो कांग्रेस ने भी कमलनाथ को बतौर सीएम आगे कर एक बार फिर सत्ता वापसी के लिए कवायद शुरू कर दी है। 

कमलनाथ भले ही सीएम का चेहरा हैं लेकिन मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव- 2023 में कांग्रेस की धुरी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के ही इर्द-गिर्द घूमेगी,  इसमें कोई दो मत नहीं है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सियासी गलियारों में यह चर्चा आम है कि जाने क्यों कांग्रेस में जब दिग्विजय सिंह बोलने लगते हैं तो कमलनाथ चुप हो जाते हैं? खैर, दिग्गी राजा अपने चुनावी अभियान का शंखनाद विंध्य से करने जा रहे हैं। आगामी 10 मार्च से वे विंध्य में ताबड़तोड़ सक्रिय रहेंगे।

दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का विंध्य से गहरा नाता है। मध्यप्रदेश विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष रहे अजय सिंह राहुल के तो वे रिश्तेदार ही हैं, भले ही सियासी समीकरण में आंकड़े कुछ भी हों। इसके अलावा उनके मुख्यमंत्रित्व काल में विधानसभा अध्यक्ष रहे स्व.श्रीनिवास तिवारी से उनके काफी नजदीकी संबंध रहे हैं। लिहाजा श्रीनिवास तिवारी से उस समय जुड़े रहे प्राय: तमाम शख्स को दिग्विजय सिंह व्यक्तिगत रूप से जानते हैं। चर्चा है कि रीवा जिले के ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष इंजी. राजेंद्र शर्मा और शहर अध्यक्ष लखन लाल खंडेलवाल की नियुक्ति भी दिग्विजय सिंह के कहने पर हुई है, हालांकि इसमें महापौर अजय मिश्र बाबा की अनुशंसा भी शामिल है। कमलनाथ खेमा तो बजरिए पूर्व शहर अध्यक्ष गुरमीत सिंह मंगू, गिरीश सिंह और रमाशंकर सिंह को जिला कांग्रेस में आगे करना चाह रहा था।

सभी सीटों पर दावेदारों की टटोलेंगे नब्ज


आंतरिक सर्वे करवाने के बाद अब मध्यप्रदेश में कांग्रेस प्रदेश स्तर से लेकर बूथ लेवल तक संगठन में पदों पर काबिज कार्यकर्ताओं का परफॉर्मेंस ऑडिट करवा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह संगठन की नब्ज टटोलने में जुटे हैं। कल यानी 10 मार्च से 12 मार्च तक 3 दिन विंध्य क्षेत्र में रहकर दिग्गी कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठकें लेकर संगठन की जानकारी लेंगे।

Digvijay

सबकी लेंगे खोज- खबर 


दिग्विजय सिंह 10 मार्च को सतना पहुंचेंगे। वे यहां कांग्रेस के स्थानीय और वरिष्ठ नेताओं, पुराने कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। इसके बाद रामपुर बघेलान विधानसभा और 11 मार्च को रीवा विधानसभा तथा 12 मार्च को मनगवां और त्योंथर विधानसभा के अंतर्गत ब्लॉक, मंडलम्, सेक्टर कमेटियों की बैठक लेंगे। 11 मार्च को ही पूर्व सांसद- विधायक स्व. सुंदरलाल तिवारी की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बैठक में दिग्विजय सिंह एक-एक अध्यक्ष से उसके क्षेत्र में दिए गए टास्क की स्टेटस रिपोर्ट तलब करेंगे। किस ब्लॉक, मंड़लम सेक्टर में कौन सा काम अधूरा है। बैठक के बाद निष्क्रिय और काम में लापरवाही करने वाले पदाधिकारियों की रिपोर्ट बनाकर पीसीसी चीफ कमलनाथ को भी देंगे।

रीवा सीट पर रहेगी विशेष नजर


वैसे तो दिग्गी राजा अपने इस दौरे में समूचे विंध्य की सभी सीटों का पूरा जायजा लेंगे। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के कारण दिग्विजय सिंह का रीवा से विशेष लगाव रहा है। दिग्गी राजा रिश्ते निभाने में भी काफी आगे हैं। तिवारी परिवार से नाता उनका अभी भी गहरा है। स्व. श्रीनिवास तिवारी के नाती सिद्धार्थ तिवारी राज त्योंथर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाह रहे हैं। उनके निज सचिव रहे सत्यनारायण चतुर्वेदी भी सेमरिया विधानसभा सीट से दावेदार हैं। रीवा विधानसभा सीट से स्व. श्रीनिवास तिवारी की भतीजी कविता पांडे दावेदार हैं तो ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष इंजी. राजेंद्र शर्मा भी रीवा सीट से ही चुनाव लड़ने के मूड में हैं। कमलनाथ के नजदीकी कहे जाने वाले गुरमीत सिंह मंगू भी टिकट के लिए अपने साहब के नाक में दम किए हुए हैं। मुस्लिम वोटों पर पकड़ रखने वाले डॉ मुजीब खान बागी तेवर दिखा रहे हैं। ऐसे में दिग्गी राजा इन सभी के वास्तविक धरातल को टटोलने का काम भी इसी दौरे में करेंगे। पता चला है कि रीवा विधानसभा सीट इस बार कमलनाथ के टारगेट पर है। रीवा सीट इसलिए भी खास है क्योंकि कांग्रेस ने हाल ही में शहर से महापौर पद जीता है।

कांग्रेस का गढ़ था विंध्य 


विंध्य को अर्जुन सिंह और श्रीनिवास तिवारी के जमाने से कांग्रेस का गढ़ कहा जाता था। साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को विंध्य क्षेत्र में करारी हार का सामना करना पड़ा था। विंध्य क्षेत्र 7 जिलों में विधानसभा की 30 सीटें हैं। इनमें से 15 सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस पिछले तीन विधानसभा चुनावों से लगातार हार रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को 6 सीटें मिली थी। 2018 के विधानसभा चुनाव में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह अपने गढ़ चुरहट विधानसभा से 6 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हार गए थे। 2008 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को महज 2 सीटें ही मिल पाई थीं। विंध्य क्षेत्र की लोकसभा की चारों सीटें बीजेपी के पास ही हैं।

8 सीटों पर 5 हजार से कम अंतर से हुई हार


विंध्य क्षेत्र के 7 जिलों में विधानसभा की कुल 29 सीटों में सिर्फ 5 में ही कांग्रेस के विधायक हैं। विंध्य क्षेत्र की 8 सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस 5 हजार से कम मतों के अंतर से हारी है। इनमें नागौद (1234), मैहर (2964), सिंगरौली (3726), अमरपाटन (3747), धौहनी (3793), बांधवगढ़ (3903), जैतपुर (4216) और त्योंथर (5,343) कांग्रेस हारी थी। अब इन्हीं सीटों पर कांग्रेस जीत की रणनीति बनाने पर जोर दे रही है।

पुरानी भूमिका में दिग्गी राजा


साल 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले दिग्विजय सिंह को चुनाव अभियान समन्वय समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। दिग्गी ने इस समिति के अध्यक्ष रहते हुए प्रदेश भर में दौरे और बैठकें कर कांग्रेस के नेताओं की आपसी गुटबाजी और मनमुटाव दूर कराने में अहम भूमिका निभाई थी। अब फिर से दिग्गी उसी भूमिका में नजर आ रहे हैं। सतना और रीवा दौरे के वक्त भी दिग्गी कांग्रेस नेताओं में आपसी सामंजस्य बनाने को लेकर मेल-मुलाकात करेंगे।


ये हैं विंध्य के 7 जिलों की 29 सीटों के हाल

1. सतना जिला-6 सीटें- 4 भाजपा, 3 कांग्रेस

चित्रकूट- कांग्रेस

सतना- कांग्रेस

नागौद- भाजपा

मैहर- भाजपा

अमरपाटन- भाजपा

रामपुर बघेलान- भाजपा

रैगांव- कांग्रेस

2. रीवा जिला- 8 सीटें, सभी पर भाजपा का कब्जा

सिरमौर- भाजपा

सेमरिया- भाजपा

त्योंथर- भाजपा

मऊगंज- भाजपा

देवतालाब- भाजपा

मनगवां- भाजपा

गुढ़- भाजपा

रीवा- भाजपा

3. सीधी जिला-3 सीटें 2 बीजेपी, एक कांग्रेस

चुरहट- भाजपा

सिंहावल- कांग्रेस

धौहनी- भाजपा

4. सिंगरौली जिला- सभी 3 सीटों पर भाजपा

चितरंगी- भाजपा

सिंगरौली- भाजपा

देवसर- भाजपा

5. शहडोल जिला- सभी 3 सीटों पर भाजपा

ब्योहारी- भाजपा

जयसिंहनगर- भाजपा

जैतपुर- भाजपा

6. अनूपपुर जिला- 3 सीटें, 2 भाजपा, एक कांग्रेस

कोतमा- कांग्रेस

अनूपपपुर- भाजपा

पुष्पराजगढ़- भाजपा

7. उमरिया जिला-दोनों सीटों पर भाजपा

बांधवगढ़- भाजपा

मानपुर- भाजपा