मां की हत्या कर अंगों को भूनकर खाने वाले व्यक्ति को मिली रियायत, बेटी की शादी में हो सकेगा शामिल

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मां की हत्या कर अंगों को भूनकर खाने वाले व्यक्ति को मिली रियायत, बेटी की शादी में हो सकेगा शामिल

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मां की हत्या के दोषी को बेटी की शादी में शामिल होने की इजाजत दे दी है। कोर्ट के आदेश के अनुसार, आरोपी को पुलिस अभिरक्षा में शादी में ले जाया जाएगा। बता दें कि सुनील रामा कुचकोरावी नामक व्यक्ति पर आरोप है कि उसने अपनी मां की हत्या कर उसके शव के टुकड़े-टुकड़े किए। उस पर कुछ अंगों को भूनकर खाने का भी आरोप है। ट्रायल कोर्ट आरोपी को मौत की सजा सुना चुकी है। जिसके खिलाफ आरोपी की तरफ से बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील की गई है। फिलहाल बॉम्बे हाईकोर्ट इस पर सुनवाई कर रही है।

बेटी की शादी की दे सकते हैं इजाजत

बेटी की शादी के लिए आरोपी ने जमानत की याचिका कोर्ट में लगाई थी। जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने कोर्ट में कहा कि हत्या का उद्देश्य अभी तक साफ नहीं है और हत्या नशे की हालत में की गई। वकील ने कहा कि हत्या से आरोपी का परिवार भी सदमे में है। वह एक अच्छा इंसान रहा है। उसे अक्सर सिर में दर्द की शिकायत रहती थी इसलिए वह शराब पीता था। वकील ने आरोपी को एक हफ्ते की जमानत देने की कोर्ट से अपील की ताकि वह बेटी की शादी में शामिल हो सके।

इस पर जस्टिस एएस गडकरी और जस्टिस पीडी नाइक ने पीठ ने कहा कि वह जमानत नहीं दे सकते लेकिन वह आरोपी को पुलिस अभिरक्षा में बेटी की शादी में शामिल होने की इजाजत दे सकते हैं। इस पर वकील ने कहा कि आरोपी आर्थिक रूप से निम्न वर्ग से ताल्लुक रखता है और वह पुलिस अभिरक्षा का खर्च उठाने में सक्षम नहीं है तो इस पर कोर्ट ने अभिरक्षा खर्च माफ कर दिया। कोर्ट ने आरोपी को 23 से 25 फरवरी तक सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक पुलिस अभिरक्षा में अपने घर रहने की मंजूरी दे दी। शाम को आरोपी को वापस जेल जाना होगा।

शव के टुकड़े-टुकड़े कर कुछ अंगों को खाया था फ्राइ करके

बता दें कि बीती 28 अगस्त 2017 को कोल्हापुर में रहने वाले सुनील ने 63 वर्षीय अपनी मां की हत्या कर दी थी। आरोपी ने अपनी मां के शव के टुकड़े-टुकड़े कर कुछ अंगों को फ्राइ करके खाया भी था। आरोपी ने मां ने शराब के लिए पैसों की मांग की थी और पैसे ना देने पर मां की बेरहमी से हत्या कर दी। इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने साल 2021 में सुनील को दोषी ठहराते हुए उसे मौत की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने इस मामले को दुलर्भतम से दुर्लभ माना था।