UNGA : यूक्रेन पर लाए गए प्रस्ताव में अनुपस्थित रहा भारत, तीखे सवालों से दुनिया को दिखाया आईना

यूक्रेन की स्थिति को लेकर चिंतित है भारत, प्रस्ताव पर वोटिंग के बाद बोलीं स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कांबोज
 
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Rucira Kamboj

Russia-Ukraine War को अब एक साल हो चुका है। निकट भविष्य में यह युद्ध समाप्त होता नजर नहीं आ रहा है। इस बीच UNGA में गुरुवार को यूक्रेन से जुड़े एक प्रस्ताव पर भारत ने अनुपस्थित रहा। संयुक्त राष्ट्र महासभा में लाए गए प्रस्ताव में यूक्रेन में “व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति” तक पहुंचने की जरूरत पर बात की गई थी।

पक्ष में पड़े 141 वोट 

यूक्रेन प्रस्ताव पर वोटिंग के बाद भारत की तरफ से सवाल किया गया कि क्या रूस-यूक्रेन संघर्ष के एक साल बाद भी दुनिया ऐसा कोई ‘संभावित समाधान’ खोज पाई है, जो मास्को और कीव दोनों को मंजूर हो। 193 सदस्यों वाली UNGA में प्रस्ताव पर वोट न करने वालों में शामिल 32 देशों में से भारत एक था। यह प्रस्ताव यूक्रेन और उसके समर्थकों द्वारा लाया गया था। इस प्रस्ताव के फेवर में 141 देश थे जबकि 7 इसके विरोध में रहे।      

Ruchira Kamboj

क्या बोलीं भारत की प्रतिनिधि रुचिरा 

प्रस्ताव को स्वीकार किए जाने के बाद वोट की व्याख्या में, UN में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कांबोज ने कहा कि ‘यह जरूरी है कि हम खुद से कुछ प्रासंगिक सवाल करें। क्या हम ऐसे समाधान के निकट हैं जो दोनों पक्षों को मंजूर हो? क्या कोई भी प्रक्रिया जिसमें दोनों पक्षों में से कोई एक कोई शामिल नहीं है, कभी भी एक विश्वसनीय और सार्थक समाधान की ओर ले जा सकती है?’    

उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत यूक्रेन में स्थिति को लेकर चिंतित है। हम शांति पाने करने के लिए राजनयिक प्रयासों के लिए सदस्य देशों द्वारा समर्थन बढ़ाने पर जोर देने के साथ-साथ यूक्रेन में एक व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति को बढ़ावा देने के लिए महासचिव के प्रयासों के समर्थन पर भी ध्यान देते हैं। हालांकि, जमीनी रिपोर्ट एक जटिल परिदृश्य दिखाती है, जिसमें कई मोर्चों पर संघर्ष तेज होता दिखाई दे रहा है।

     Ruchira Kamboj

स्थिति को लेकर काफी चिंतित है भारत 


इस दौरान भारत की तरफ से रुचिरा कांबोज ने कहा कि रूस-युक्रेन युद्ध की वजह से अनगिनत लोगों की जान गई है, लाखों लोग बेघर हो गए हैं और पड़ोसी देशों में शरण लेने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि आम नागरिकों और असैन्य बुनियादी ढांचे पर हमलों की खबरें भी बहुत चिंताजनक हैं। उन्होंने दोहराया कि भारत बहुपक्षवाद के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों को बरकरार रखता है।