बंद कमरे में भारत और नाटो (NATO) के बीच सीक्रेट मीटिंग, जानिए रूस-यूक्रेन को लेकर क्या बात हुई

जी-20 और रायसीना डायलॉग के बीच उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन ने भारत के साथ गुप्त बैठक की है,इस बैठक में दोनों देशों के कई सैन्य अधिकारी भी शामिल

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रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) और भारत के बीच गुप्त बैठक हुई है। यह बैठक एक बंद कमरे में हुई, जिसको लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया। इस बैठक में दोनों ही पक्षों के सेवारत और सेवानिवृत अधिकारी शामिल थे, जिसमें से कुछ सेना में अहम पदों पर हैं। यह बैठक नई दिल्ली में जारी रायसीना डायलॉग के बीच हुई है, जिसका आयोजन भारतीय विदेश मंत्रालय करता है। भारत के पास जी20 और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की अध्यक्षता है। ऐसे में रूस को लेकर भारत की धारणा नाटो के लिए चिंता की बात है।

भारत की नाटो के साथ दुर्लभ बैठक


द वीक की रिपोर्ट के अनुसार, इस बैठक से संबंधित सूत्रों ने बताया क भारत में अपनी तरह की पहली बैठक है। बैठक बंद कमरे में हुई। नाटो के प्रतिनिधिमंडल में पोलैंड के एक मंत्री शामिल थे। इस बैठक को ट्रैक 1.5 कूटनीति के हिस्से के रूप में वर्णित किया जा रहा है। इस बातचीत की फैसिलिटी बर्लिन मुख्यालय वाले कोनराड-एडेनॉयर-स्टिफ्टंग फाउंडेशन ने प्रदान की। यह फाउंडेशन खुद को उदार लोकतंत्र और सामाजिक बाजार अर्थव्यवस्था, शांति और स्वतंत्रता, ट्रान्साटलांटिक संबंधों और यूरोपीय एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए काम करने के रूप में वर्णित करता है।

नाटो के साथ भारत की क्या हुई बातचीत


सूत्रों ने कहा कि बैठक में भारत-नाटो सहयोग के लिए एक रोडमैप और दूसरे रास्ते तलाशे गए। इसमें प्रमुख तौर पर इंडो-फैसिफिक क्षेत्र को लेकर बातचीत की गई। नाटो प्रतिनिधिमंडल ने चीन और रूस के बीच बढ़ते संबंधों पर गहरी चिंता जताई। बताया जा रहा है कि जिन अन्य विषयों पर चर्चा हुई उनमें रूस-यूक्रेन संघर्ष शामिल था। भारत इस संघर्ष को युद्ध का नाम देने से बच रहा है, वहीं अमेरिका समेत यूरोपीय देश इसका विरोध कर रहे हैं। भारत ने साफ कहा है कि किसी भी मंच का इस्तेमाल रूस की आलोचना करने के लिए नहीं किया जाएगा।