भूख से तड़पते पाकिस्तान के लिए राहत बना भारतीय जहाज,गेहूं की पहली लेकर पाकिस्तान पहुंचा

भारतीय जहाज एमवी लीला ने रूस से गेहूं की पहली खेप पाकिस्तान पहुंचाई है, भुखमरी से तड़पते पाकिस्तान की आवाम के लिए यह बहुत बड़ी मदद है
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पाकिस्तान भले ही संकट के समय में भी भारत के खिलाफ जहर उगलने से बाज ना आ रहा हो लेकिन सच ही है कि इन दिनों पाकिस्तान भूख से छटपटा रहा है। ऐसे में रूस ने मदद का हाथ बढ़ाया है। पाकिस्तान रूस से गेहूं आयात कर रहा है। जिस तरह से भारत किसी भी देश की मदद करने में पीछे नहीं हटता उसी तरह पाकिस्तान का पेट भरने के लिए एक भारतीय की शिप एमवी लीला 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खेप लेकर रूस से पाकिस्तान पहुंचा है।पाकिस्तान रूस से 4 लाख 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं आयात करेगा। बता दें कि एमवी लीला ग्लोबल मार्केटिंग सिस्टम इंक के 40 शिप में से एक है। इसके संस्थापक डॉ. अनिल शर्मा हैं जो कि पहले अमेरिका के बिजनस स्कूल में प्रोफेसर थे लेकिन इस समय दुबई में शेटल हो गए हैं। 10 फरवरी को एमवी लीला रूस के पोर्ट से रवाना हुआ था और 1 मार्ट को यह ग्वादर पोर्ट पर पहुंचा। खाद्याच संकट के दौरान पाकिस्तान के लिए यह बहुत बड़ी मदद है।

1992 में बनाई जीएमएस कंपनी

डॉ. अनिल शर्मा मूल रूप से गुजरात के रहने वाले हैं। उन्होंने 1992 में जीएमएस कंपनी बनाई थी। इसके बाद वह ग्लोबल शिप रीसाइकलिंग कम्युनिटी के जानेमाने चेहरे हो गए। इससे पहले उन्होंने 10 साल तक प्रोफेसर के तौर पर अमेरिका में काम किया। Lloyd's ने उन्हें 100 प्रभावी लोगों की सूची में शामिल किया था। इसके अलावा शिपटेक ने 2022 में उन्हें सीईओ ऑफ द ईयर का सम्मान दिया था। इंडियन सुपर लीग टीम में वह दिल्ली डायनमोज के मालिक भी हैं। वह फुटबॉल में इन्वेस्ट करते हैं।बता दें कि पाकिस्तान की मुद्रास्फीति 40 फीसदी पहुंच गई है। महंगाई की वजह से लोगों का पेट भर पाना मुश्किल हो गया है। आटे की कीमत आसमान छू रही हैं। फ्यूल की बेहद कमी हो गई है। बताया जा रहा है कि आटा 150 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है। भुखमरी के इस दौर में भारतीय शिप एमवी लीला ने एक बार फिर अपना कर्तव्य निभाया है।पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने रूस से गेहूं की मदद मांगी थीं। इसके बाद रूस 4,50000 मीट्रिक टन गेहूं देने पर सहमत हो गया।

हाल ही में चीन भी पाकिस्तान की मदद करने को तैयार हुआ है और 10 लाख 600 करोड़ रुपये कर्ज देने के लिए सहमत हुआ है। बता दें कि पाकिस्तान पर जितना विदेशी कर्ज है उसका 30 फीसदी चीन से ही लिया गया है। अब पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए चीन नमक चटा रहा है। इससे पाकिस्तान का भला होने वाला नहीं है। आईएमएफ भी पाकिस्तान को कर्ज देने के लिए अभी तैयार नहीं हुआ है। आईएमएफ ने जो शर्तें रखी हैं उनको पूरी करने के लिए पाकिस्तान जनता पर बोझ बढ़ा रहा है। इसकी वजह से महंगाई में भी इजाफा हो रहा है।